Governor Kalraj Mishra,martyrs
अमर जवान ज्योति पर श्रद्वाजंलि अर्पित करने के बाद कार्य शुरू किया
 जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को प्रातः यहा जन पथ पर स्थित अमर जवान ज्योति स्थल पर पहुँचकर शहीदों को नमन किया। मिश्र और राज्य की प्रथम महिला सत्यवती मिश्र ने शहीद स्मारक पर पुष्प गुच्छ अर्पित कर शहीदों को श्रद्वाजंलि दी। इस मौके पर राज्यपाल मिश्र के सुपुत्र अमित मिश्र भी मौजूद थे।
राज्यपाल मिश्र ने दो मिनट का मौन रखा। मिश्र ने विजिटर बुक में लिखा ‘‘ राजस्थान वीरों की भूमि है। अमर जवान ज्योति पूजनीय स्थल है। यह स्मारक देश रक्षा में किये गये बलिदानों की जीवंत और प्रखर स्मृति है। यह स्थान लोगों के लिए देश रक्षा का प्रेरणा स्थल है। मैं यहां वीरों को शत्-शत् नमन करता हूँ। ‘‘ राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शपथ ग्रहण करने के बाद यह उनका प्रथम कार्यक्रम है। यह वीर-वीरांगनाओं की भूमि है। इस पावन धरती ने अनेक ऎसे लाल पैदा किये, जिन्होंने राष्ट्र सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिये।
राज्यपाल श्री मिश्र ने अमर जवान ज्योति से राजभवन में अपने कार्यालय पहुँचकर कार्यो का शुभारम्भ किया। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव राजेश शर्मा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी मिले। राज्यपाल से आज मिलने वालों में पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी व वासुदेव देवनानी भी थे।
-दो राज्यपालों की मुलाकात
राज्यपाल कलराज मिश्र से बुधवार को प्रातः यहां राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनकड़ ने मुलाकात की। इस मौके पर राज्य की प्रथम महिला श्रीमती सत्यवती मिश्रा और श्री धनकड़ की पत्नी श्रीमती सुदेश धनकड़ भी मौजूद थी। राज्यपाल श्री मिश्र से श्री धनकड़ की यह शिष्टाचार मुलाकात थी।
-राज्यपाल से कुलपति मिले – राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र से राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री आर.के.कोठारी ने भेंट की। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मिश्र ने कुलपति श्री कोठारी से कहा कि विश्वविद्यालयों में अनुशासन उनकी पहली प्राथमिकता है। श्री मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र हितों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। इसके लिए प्रवेश, परीक्षा और परिणाम का कार्य निर्धारित समय सारणी के अनुरूप होना चाहिए।
-लोकतंत्र सेनानी संघ के पदाधिकारी मिले – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र से लोकतंत्र सेनानी संघ के पदाधिकारी  जोगेश्वर गर्ग, ओम प्रकाश गुप्ता, खेमराज कृष्ण गोपाल और राजेन्द्र राज ने भी भेंट की।

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