जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में मास्क पहनने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क पहनने, दो गज की दूरी बनाए रखने तथा बार-बार हाथ धोने जैसे उपाय अपनाकर ही कोविड-19 से बचा जा सकता है।
गहलोत सोमवार शाम को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में 2 अक्टूबर से चलाए जा रहे ‘नो मास्क-नो एंट्री-कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन‘ अभियान की सफलता को लेकर जिला कलक्टरों, कॉलेजों के प्राचार्यों, नगर निगम एवं नगर परिषद् के अधिकारियों, जिला खेल अधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारियों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एवं गाइड तथा नेहरू युवा केन्द्रों से जुड़े समन्वयकों, कार्यक्रम अधिकारियों, कैडेट्स, वॉलंटियर्स आदि से संवाद कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश के गांव-ढ़ाणी तक इस अभियान को सफल बनाने के लिए समाज का हर वर्ग एवं तबका पूरी प्रतिबद्धता से सरकार के साथ जुटे। उन्होंने कहा कि जब तक आमजन में यह जागरूकता नहीं आएगी कि मास्क नहीं पहनने वाला व्यक्ति यदि संक्रमित है तो वह दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है, तब तक यह अभियान अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल नहीं होगा। उन्होंने एनसीसी, एनएसएस तथा नेहरू युवा केन्द्र संगठन से जुड़े कैडेट्स एवं वॉलंटियर्स का आह्वान किया कि वे कोरोना को हराने के इस महत्वाकांक्षी अभियान से जन-जन को जोड़ने में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण से कोविड फैलने का खतरा बढ़ता है तथा संक्रमित व्यक्तियों और ठीक हो चुके लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। चिकित्सा विशेषज्ञयों की सलाह के अनुसार कोरोना से जीवन रक्षा के लिए हम सभी पटाखे रहित दीपावली मनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
संवाद के दौरान अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी रजत चौहान तथा राजूलाल ढ़ाका ने नो मास्क-नो एंट्री अभियान के साथ ही प्रदेश में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार की आउट ऑफ टर्न पॉलिसी की सराहना की। राजस्थान का नाम रोशन करने वाले इन दोनों खिलाड़ियों नेे कहा कि राज्य सरकार की इस नीति से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले करीब 600 खिलाड़ियोें को सरकारी सेवा में आने का अवसर मिलेगा। चौहान एवं ढ़ाका ने कहा कि खिलाड़ियों को संबल देने के लिए ऎसी पॉलिसी किसी अन्य राज्य में नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी कोरोना से मुकाबले के लिए सरकार के प्रयासों में कदम से कदम मिलाकर साथ चलेंगे।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन से कोरोना के संक्रमण को रोकने में सफलता हासिल की है। हमारे ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को पूरी तरह सुरक्षित एवं जीवन बचाने वाला माना जा रहा है। उन्होंने जन आंदोलन से जुड़े अधिकारियों एवं वॉलंटियर्स से इस अभियान को और अधिक तीव्र बनाने की अपील की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इसके महत्व को देखते हुए इसे 30 नवम्बर तक बढ़ा दिया है।
शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, सोशल एक्टिविस्टों, चिकित्सा विशेषज्ञों आदि को साथ में लेकर जनहित में फैसले कर रही है। इस महामारी के बावजूद विकास से जुड़ी गतिविधियों पर भी लगातार निर्णय किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि एनएसएस, एनसीसी तथा स्काउट एवं गाइड से जुड़े कॉलेज शिक्षक एवं छात्र मास्क वितरण, पोस्टर लगाने, सोशल मीडिया के उपयोग आदि से कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन में लगातार सहभागिता निभा रहे हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा जैसे पुनीत उद्देश्य को लेकर मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार इन संगठनों से जुड़े युवाओं से संवाद किया है, उससे निश्चय ही उनका उत्साह बढ़ेगा तथा वे और अधिक ऊर्जा से रचनात्मक कार्यों में भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित होंगे।

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