जयपुर। रामगढ़ बांध में अतिक्रमण के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी और न्यायाधीश बनवारी लाल शर्मा की खंडपीठ ने कहा है कि राज्य सरकार के पास पेयजल के लिए भविष्य की कोई योजना ही नहीं है।
हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तो पानी चोरी होने की एफआईआर भी थानों में दर्ज होने लगी है। जिस देश में पानी पिलाने की भावना रही है, अब वहां 2० रुपए में बोतलबंद पानी बिक रहा है। बाद में हाईकोर्ट ने राजस्व सचिव को अदालत के आदेश की पालना में रामगढ़ बांध के कैचमेंट एरिया में हुए अतिक्रमणों के संबंध में 2० दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मामले में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के कारण पालना रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी है। पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय और दिया जाए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि लगता है पानी को लेकर सरकार गंभीर ही नहीं है। वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की अनुमति लेकर लोग बोरिग खोद रहे हैं। यहां तक की पृथ्वीराज नगर में भी बोरिग खोदे गए हैं। संबंधित विभाग के पास भी बोरिगों को लेकर कोई आंकडा नहीं है।