labour law

जयपुर. राजस्थान सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों सहित 15 सूत्रीय मांग पत्र के निराकरण हेतु अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी आज ‘‘शहीद स्मारक‘‘ पर 48 घंटे के उपवास पर बैठी। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे से मुकर गयी है एवं राज्य कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं पर कुठाराघात किया है। यह प्रथम बार देखा गया है कि वेतन आयोग की सिफारिशे लागू करने हेतु कमेटी का गठन किया गया है। वस्तुतः यह कर्मचारी आक्रोश को दबाने की कवायद है। आज राजधानी जयपुर में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य उपवास पर बैठे है वहीं समस्त जिला शाखाओं की कार्यकारिणी जिला कलेक्ट्रेट के सामने 48 घंटे के उपवास पर बैठी है। राज्य सरकार के प्रति कर्मचारी आक्रोश बढता जा रहा है एवं सरकार संवेदनहीन बनी हुयी है। प्रदेश का कर्मचारी बजट की उम्मीद लगाये बैठे है कि कोई कर्मचारी कल्याण की घोषणाएंे की जावेगी। यदि सरकार कर्मचारियों की अपेक्षा पर खरी नही उतरी तो परिणाम अच्छे नहीं होगा। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के.के. गुप्ता एवं प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने सरकार को चेतावनी देते हुये कहा की समय रहते कर्मचारियों की मांगो का निराकरण करे अन्यथा आंदोलन को सम्भालना मुश्किल होगा। वर्तमान में कर्मचारी, बेरोजगार युवा कुंठित सा महसूस कर रहा है। सरकार सुराज संकल्प यात्रा के वायदे को भी भूल गयी एवं कर्मचारियों को एक के बाद एक सुविधाओं पर कैंची चलाने का कार्य कर रही है। उपवास पर प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया के नेतृत्व में के.के. गुप्ता, पूनमचन्द विश्नोई, बंशीलाल राजावत, अजय सैनी, धर्मेन्द्र फोगाट, महावीर सिहाग, गिरीश कुमार शर्मा, मोहम्मद मुस्तफा, आदित्य पारीक, मदन मोहन मिश्रा, प्रदीप शर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा, मुरारी लाल पारीक, योगेन्द्र सिंह शेखावत, कृष्ण मुरारी शर्मा, नवरत्न हर्ष, श्याम सुन्दर गर्ग, चन्द्रशेखर गुर्जर, अभिमन्यूसिंह भदौरिया, बन्नाराम चैधरी, रतन कुमार प्रजापति, तेजसिंह राठौड एवं प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य उपवास पर बैठे।
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