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jaipur.निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव और चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान तैनान किए जाने वाले सभी तरह के पर्यवेक्षकों को चुनाव तैयारियों की जानकारी देने के लिए आज उनके साथ बैठक की। इस बैठक में पर्यवेक्षक नियुक्‍त किए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा,भारतीय पुलिस सेवा,भारतीय राजस्‍व सेवा तथा अन्‍य केन्‍द्रीय सेवाओं के अधिकारियों ने भाग लिया। इन्‍हें सामान्‍य,पुलिस तथा व्‍यय पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्‍त किया गया है।

पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका समझाते हुए , मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि अधिकारियों को अपनी बेहतरीन सेवाएं देनी हैं। उनके लिए यह सुनिश्चित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है कि कोई गलती न हो। अरोड़ा ने कहा कि कुछ राज्यों में हाल में हुए चुनावों में किए गए अच्‍छे कामों के साथ ही उसने , ईवीएम-वीवीपीएटी प्रक्रियाओं के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करने में हुयी अनियमितताओं या मतदाता सूची से कुछ नामों के गायब होने, या वोटों की गिनती में देरी जैसी खामियों के छोटे मोटे प्रतिशत को भी संज्ञान में लिया।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्‍त बनाने के लिए 1950 में एक अनूठी संस्‍था के रूप में अस्तित्‍व में आने के बाद से ही निर्वाचन आयोग विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारियों को साथ लेकर परिभाषित कर्तव्यों के अनुसार चुनाव कराने में मदद कर रहा है। उन्‍होंने अधिकारियों से कहा कि पर्यवेक्षकों के रूप में वे अपने दायित्‍वों का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करें। अरोड़ा ने कहा कि बदले हुए समय के साथ चुनाव में पैसे की ताकत और सोशल मीडिया के दुरुपयोग की चितांए नई चुनौतियां पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का प्रयास न केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है बल्कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, स्वच्छ और नैतिक बनाए रखना भी है।

अरोड़ा ने अधिकारियों से कहा कि निष्‍पक्ष और स्‍वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षकों के रूप में उन्‍हें आयोग की आंख और कान की तरह काम करना है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि मतदाओं को प्रलोभन देने के लिए नित नए तरीके अपनाए जा रहे हैं व्‍यय पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी अहम हो जाती है।

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