Dr. Jitendra Singh,North Eastern Region

delhi. केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने आज पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की।

इस बैठक में लोकसभा सांसद रेबती त्रिपुरा, सी. लाल रोसंगा, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, तापिर गाओ और राज्य सभा सांसद: रानी नरहा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण और पंचायती राज, नौवहन, महिला और बाल विकास, सड़क परिवहन और राजमार्ग, युवा मामले और खेल, नागरिक उड्डयन, विद्युत, मानव संसाधन विकास, दूरसंचार और डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव डॉ. इंद्रजीत सिंह और पूर्वोत्तर परिषद के सचिव के. मोसेज चालैवार भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। पूर्वोत्तर क्षेत्र में गैर-मुक्त केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों द्वारा 10% सकल बजट सहायता (जीबीएस) के उपयोग के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय को अन्य मंत्रालयों के लिए एक सूत्रधार और मार्गदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए। सरकार पूर्वोत्तर विकास को उच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि अन्य मंत्रालय परियोजनाओं की पहचान के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने धन के उपयोग के बारे में मंत्रालयों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभारी अधिकारियों के अलावा प्रत्येक महत्वाकांक्षी जिले के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। बैठक में बांस मिशन के लिए धनराशि खर्च करने की जरूरत के बारे में भी चर्चा की गई। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कि विभिन्न अंतरालों को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। जमीनी जरूरतों और मुद्दों को समझने के लिए राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों के बीच वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की जा सकती है।

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