Do not open the toilets of the lovers in the open, because ...

नई दिल्ली। भारत सरकार द््वारा जो खुले में शौचमुक्त का अभियान चला रखा है कुछ लोग उसका गलत इस्तेमाल कर रखे हैं जिनमें एक बड़े अफसर का भी नाम है जो और महत्वपूर्ण काम को छोड़कर कुछ और ही काम करने में लग गए जिस कारण उन्हें कोर्ट की फटकार तक सुननी पड़ गई। हालांकि तबसे ये साहब चुपचाप है। लेकिन सरकार ने यह फैसला किया है कि अब इन लोगों को जागरूक करने के लिए और भी सघन अभियान चलाया जाएगा। खुले में शौचमुक्त अभियान के नाम पर लोगों को परेशान करने और उनकी मान-मयार्दा को ठेस पहुंचाने वाले हरियाणा के आईएएस मणिराम शर्मा पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शिकंजा कस दिया है. एक याचिका पर हाईकोर्ट ने इस आईएएस को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोई और काम नहीं बचा क्या?

शर्मा ने इसी साल जून में जिले मेवात में खुले में शौच कर रहे लोगों को पकड़कर जुमार्ना लगाया था. यही नहीं उनकी फोटो फेसबुक पर अपलोड कर माखौल उड़ाया था. इससे पहले नवंबर 2015 में यहां के गांव बीवां में सुबह साढ़े पांच बजे अपने लाव लश्कर के साथ पहुंचे थे. अपनी टीम को टॉर्च और डंडे लेकर जंगल में बैठा दिया था. जब महिला-पुरुष खुले में शौच के लिए जंगल में जाने लगे तो उनकी टीम ने टॉर्च जलाकर कई लोगों को पकड़ा. सजा के तौर पर उनसे दंड बैठक लगवाई.लेकिन अब हाईकोर्ट की फटकार के बाद न सिर्फ शर्मा चुप हैं बल्कि हरियाणा में कोई भी आईएएस इस तरह खुले में शौचमुक्त अभियान (ओडीएफ) के नाम पर किसी को परेशान नहीं कर रहा. यह सब लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.लेकिन अन्य प्रदेशों में इस अभियान के नाम पर अजीबोगरीब फरमान जारी हो रहे हैं और दंड दिया जा रहा है. ऐसे सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश से आ रहे हैं. हालांकि, फिजिशियन डॉ. सुरेंद्र दत्ता कहते हैं कि खुले में शौच से इन्फेक्शन फैलता है और पेट की बीमारियां होती हैं. इसलिए यह अभियान जरूरी है. लोगों की भलाई के लिए है।

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