जयपुर। ट्रिपल तलाक मामले में पहले से ही मुस्लिम महिलाएं प्रताडि़त हो रही है और इसके खिलाफ देशभर में मुहिम चला रखी है। ट्रिपल तलाक मामले से तो मुस्लिम महिलाओं को राहत नहीं मिली, उलटे एक नया फरमान आ गया है। देवबंद ने बयान दिया है कि मुस्लिम महिलाओं के नौकरी करना इस्लाम के विरुद्ध है। उन्हें नौकरी नहीं करनी चाहिए। देवबंद के मौलाना और तंजीम उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष नदीम उल वाजदी ने यह विवादित बयान दिया है। बयान में वाजदी ने कहा, मुस्लिम महिलाओं को सरकारी और प्राइवेट नौकरी नहीं करनी चाहिए। महिलाओं का नौकरी करना इस्लाम के विरुद्ध है। मर्द की जिम्मेदारी है कि वह घर चलाए और परिवार की जिम्मेदारी संभाले। वहीं महिलाएं बच्चों और घर की सार-संभाल करे। महिलाएँ तभी नौकरी कर सकती है, जब घर-परिवार का खर्च उठाने वाला कोई मर्द नहीं हो। देवबंद और दारुल उलूम देवबंद विवादित फतवे और बयान देता रहा है, जिससे मुस्लिम समाज में नई बहस शुरु हो जाती है। भारत की जय बोलना, वंदेमातरम गान, पूजा अर्चना आदि को लेकर फतवे जारी हो चुके हैं।

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