– कांग्रेस नेता और राजस्थान अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के संयोजक पंकज शर्मा काकू का पलटवार, पूर्व जलदाय मंत्री और वर्तमान पर्यावरण मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि पोंगलिया फर्म पर कार्रवाई नहीं रोकी
जयपुर। जलदाय विभाग के 145 करोड़ मामले में कांग्रेस और भाजपा में विवाद गहरा गया है। कांग्रेस नेता और राजस्थान अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के संयोजक पंकज शर्मा काकू ने रविवार को मीडिया के समक्ष पूर्व जलदाय मंत्री और वर्तमान में हायर एजुकेशन मंत्री किरण माहेश्वरी पर इस घोटाले में लिप्त रही फर्म विष्णु प्रकाश आर पोंगलिया लिमिटेड जोधपुर को फायदा पहुंचाने के लिए मिलीभगत करके उस फर्म बचाने और रोके गए वर्कऑर्डर जारी करने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद मंत्री किरण माहेश्वरी ने पलटवार करते हुए मीडिया में बयान दिया है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। पोंगलिया फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि भ्रष्टाचार में लिप्त रही फर्मों के खिलाफ कार्रवाई ही की गई है। विभाग बदले जाने से पहले हुई सात दिसम्बर की मीटिंग में भी इस फर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोई इंजीनियर कैसे मेरे हवाले से कार्रवाई नहीं करने की कह सकता है। किरण माहेश्वरी ने पंकज शर्मा काकू पर यह भी आरोप लगाया है कि वे किसी की शह पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। वे सर्वविदित ब्लैकमेलर हैं।

– मानहानि का केस करेंगे, ईमानदार ही थी क्यों एसीबी के छापे पड़े, सरकार ने विभाग बदला
एजुकेशन म्ििनस्टर किरण माहेश्वरी के ब्लैकमेलिंग और ब्लैकमेलर के बयान पर पंकज शर्मा काकू ने कहा है कि मंत्री किरण माहेश्वरी की इन बयान से बौखलाहट साफ दिखाई दे रही हैं। वे कितनी ईमानदार रही हैं, यह सभी जानते हैं। इनके कार्यकाल में अरबों रुपयों के एक दर्जन से अधिक घोटाले सामने आ चुके हैं। सरकारी एजेंसी एसीबी उनके मंत्री रहते हुए जलदाय विभाग के आला अफसरों को भ्रष्टाचार मामले में रंगे हाथ पकड़ चुकी हैं। एसीबी के वीडियो टेपिंग में मंत्री और उनके समर्थकों के भी बयान सामने आ चुके हैं कि किस तरह से ऊपर से लेकर नीचे तक जलदाय विभाग में भ्रष्टाचार का जाल फैला हुआ था। एसीबी की इन फोन टेपिंग खुलासे के बाद ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को किरण माहेश्वरी से जलदाय विभाग छीनकर इससे कमतर हायर एजुकेशन विभाग दिया था। किरण माहेश्वरी के ब्लैकमेलर शब्द के उपयोग पर नाराजगी जाहिर करते हुए पंकज शर्मा ने कहा कि इस मामले में मंत्री के खिलाफ मानहानि का केस करुंगा, साथ ही वे तमाम घोटाले उजागर किए जाएंगे, जो उनके कार्यकाल में हुए। एसीबी के फोन टेपिंग मामले और छापे की कार्रवाई के चालान और एसीबी कार्रवाई फाइलों की पडताल करके मंत्री की मिलीभगत के खुलासों को उजागर किया जाएगा।

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