जयपुर। राजस्थान के सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों में शुमार और वल्र्ड हेरिटेज जयपुर के आमेर महल में पर्यटक सुरक्षित नहीं है। आमेर महल परिसर में सक्रिय लपकों, हॉकर्स के चलते सैलानी पहले से ही धोखाधड़ी, ठगी और छेड़छाड़ के शिकार हो रहे हैं, वहीं अब महल के सुरक्षा गार्ड और कर्मचारी भी पर्यटकों पर भारी पडऩे लगे हैं। पर्यटकों से बदसूलकी, मारपीट की घटनाएं भी होने लगी है। कुछ दिनों पहले महल के एक कर्मचारी ने दिल्ली के स्कूली छात्राओं के साथ बदसूलकी, गाली-गलौच कर दी थी, जिसकी शिकायत भी आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेन्द्र को की गई थी। अब शुक्रवार को हद हो गई, जब कुछ सुरक्षा गार्ड और एक कर्मचारी ने एक नवयुगल जोड़े के साथ ना केवल बदसूलकी की, बल्कि हाथापाई भी कर दी। घटना सुबह दस बजे की थी। नवयुगल आमेर महल के जलेब चौक में वीडियो शूट कर रहा था। तभी दो-तीन सुरक्षा गार्ड आए और वीडियो शूट के टिकट मांगे। नवयुगल व उनके साथियों ने टिकट नहीं होने की कही तो गार्ड भड़क गए और कैमरा छीन लिया। उन्होंने टिकट लेने की बात कही, लेकिन वे नहीं माने। कैमरा लौटने को कहा तो झगड़े पर उतारु हो गए और नवयुगल से धक्का मुक्की। गाली-गलौच पर उतर आए। झगड़ा होता देख वहां पर्यटक एकत्र हो गए और सुरक्षा गार्डों को बदसूलकी के लिए लताड़ा। इस दौरान महल के सैकण्ड इंचार्ज नीरज त्रिपाठी भी मौजूद थे। लेकिन इन्होंने भी कोई बीच-बचाव नहीं किया। नवयुगल व साथियों को अधीक्षक कमरे पर ले आए। इस दौरान आमेर थाना के जवान भी वहां मौजूद थे। किसी भी ने नवयुगल को बचाने का प्रयास नहीं किया। विवाद ज्यादा बढऩे पर आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेन्द्र मौके पर पहुंचे। बताया जाता है कि मारपीट के शिकार नवयुगल ने उन्हें लिखित शिकायत दी है। हालांकि सुरक्षा गार्ड व कर्मचारी नवयुगल पर दुव्र्यवहार का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि टिकट नहीं मिला तो शूटिंग बंद करने और टिकट लेने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने। स्थानीय गाइडों का कहना है कि कंपोजिट टिकट घोटाले के बाद भी आमेर महल में हालात नहीं सुधरे नहीं है। कर्मचारी व सुरक्षा गार्ड पर्यटकों से वसूली के जतन में लगे रहते हैं। आमेर महल के जलेब चौक, मावठा, हाथी स्टेण्ड परिसर में कॉमर्शियल फोटोग्राफी-शूटिंग के लिए अनुमति आवश्यक है, लेकिन जो कॉमर्शियल फोटोग्राफी नहीं करते हैं और मोबाइल से भी फोटोग्राफी हैं उन पर्यटकों को भी परेशान किया जाता है। महल परिसर में दो सौ से अधिक गार्ड हैं, लेकिन वे यहां सक्रिय लपकों, हॉकर्स को नहीं हटाते, बल्कि इनसे वसूली करके इस गोरखधंधे में लिप्त रहते हैं। महल परिसर में लगे कैमरों से पर्यटकों के साथ हो रही धोखाधड़ी, लूटपात, बदसूलकी और महल कर्मियों की लापरवाही को देखा जा सकता है। इस बारे में महल अधीक्षक पंकज धरेन्द्र और पुरातत्व विभाग निदेशक ह्देश कुमार शर्मा को भी पता है, लेकिन इसे प्रशासन की नाकामी कहे या कमीशन का फेर सबने चुप्पी साध रखी है।

LEAVE A REPLY