Titanwala Museum, Smriti Irani, Handblock printing
Titanwala Museum, Smriti Irani, Handblock printing

जयपुर। केंद्रीय कपड़ा मंत्री सुश्री स्मृति ईरानी द्वारा आज बगरू में हैंडब्लॉक प्रिंटिंग के ‘तितानवाला म्यूजियम‘ का उद्घाटन किया गया। रिबन काटकर उद्घाटन करने के बाद उन्होंने म्यूजियम की गैलरीज का अवलोकन किया। इस म्यूजियम में बड़ी संख्या में पारम्परिक वुडन ब्लॉक, कपड़ों की रंगाई व छपाई के काम आने वाले बर्तन व सहायक उपकरण तथा छीपा समुदाय के इतिहास को दर्शाने वाले पुराने फोटोग्राफ प्रदर्शित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस अनोखे तितानवाला म्यूजियम ने यह साबित कर दिया है कि कला व संस्कृति को आगे बढ़ाने अथवा संरक्षित करने के लिए सरकार पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह म्यूजियम बगरू को पूरे विश्व में पहचान दिलाएगा। सुश्री ईरानी ने कहा कि ब्लॉक प्रिंटिंग की विरासत श्री सूरज नारायण तितानवाला जैसे संग्रहकों की पहल के कारण ही संरक्षित है, जो स्वयं छीपा समुदाय से हैं।
म्यूजियम के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित जयपुर के सांसद, श्री रामचरण बोहरा ने केंद्रीय मंत्री से बगरू में एसटीपी प्रोजक्ट स्थापित करने के लिए अनुरोध किया। इस पर सुश्री ईरानी ने कहा कि जब इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव उनके मंत्रालय तक पहुंचेगा वे इस पर सकारात्मक रूप से कदम उठाएँगी।
सूरज नारायण तितानवाला ने कहा कि इस म्यूजियम की स्थापना के बारे में काफी समय से विचार कर रहे थे और यह उनके लिए एक बड़ा सपना है। यह म्यूजियम पारम्परिक बगरू ब्लॉक प्रिंटिंग की कला को संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है।

-हैंडब्लॉक प्रिंटिंग एवं तितानवाला म्यूजियम के बारे में
हैंडब्लॉक प्रिंटिंग अत्यधिक श्रम युक्त कला है, जिसमें धैर्य, रचनात्मकता एवं गुणवत्ता महत्वपूर्ण होती है। इस कला से विशिष्ट कौशल में निपुण लोग जुड़े होते हैं, जिनमें खारोड़ी (ब्लॉक कार्वर), रंगरेज, छीपा (ब्लॉक प्रिंटर) और धोबी सर्वाधिक प्रमुख हैं। हैंडब्लॉक प्रिंटिंग अत्यधिक समय एवं श्रम आधारित मुद्रण शैली है, जिसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है और अब बेहद कम परिवारों द्वारा अपनी पीढ़ियों से मिली इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

छीपा समुदाय से सम्बंध रखने वाले नारायण जैसे संग्रहकर्ताओं की पहल के कारण ही ब्लॉक प्रिंटिंग की यह प्राचीन विरासत अब तक भी बरकरार है। उनके द्वारा संग्रहित किए गए ब्लॉक्स, वस्त्र एवं अन्य सम्बंधित सामग्रियां अब ‘तितानवाला म्यूजियम‘ में प्रदर्शित होगी। ये कलेक्शन वस्त्रों के विशेषज्ञों और इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले लोगों के लिए ज्ञान का भंडार साबित होगा।

प्राकृतिक संसाधनों एवं श्रमिकों की सीमित उपलब्धता जैसे कारणों की वजह से अनेक लोगों ने अपनी आजीविका के लिए ब्लॉक प्रिंटिंग की पारम्परिक प्रथा को छोड़ दिया है। ऐसे में इस प्राचीन कला के ज्ञान के प्रसार करने के महत्व का अहसास कराने और अपने कलेक्शन को सभी के साथ साझा करने के लिए श्री नारायण ने ‘तितानवाला म्यूजियम‘ आरम्भ करने का निर्णय लिया है।

इस म्यूजियम में ब्लॉक बनाने के परम्परागत उपकरण एवं सामग्रियां, लकड़ी के ऐतिहासिक ब्लॉक, रंगाई का कच्चा माल और पारम्परिक तरीके से मुद्रित किए गए कपड़ों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी। कुछ सैम्पल्स के माध्यम से म्यूजियम में ब्लॉक बनाने, कपड़ों को रंगने और छपाई की प्रक्रियाएं क्रमवत तरीके से समझाई जाएगी। इसके अतिरिक्त फोटोग्राफ्स एवं ऑब्जेक्टस् के जरिए सामाजिक पहचान एवं ग्रामीण जीवन शैली के बारे में भी बताया जाएगा।
यहां ब्लॉक प्रिंटिंग के रंग बनाने, वस्त्रों की रंगाई, छपाई, धुलाई एवं इन्हें सुखाने के कार्यों की प्रक्रिया देखा जाना इस म्यूजियम को अन्य म्यूजियम से अलग बनाएगा।
यह म्यूजियम राष्ट्रीय अवकाश को छोड़कर सोमवार से रविवार प्रातः 9 बजे से सायं 6 बजे तक खुला रहेगा।

LEAVE A REPLY