अहमदाबाद। गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हो रही है। गुजरात विधानसभा में चल रही वोटिंग में एक-एक वोट के लिए संघर्ष चल रहा है। खासकर कांग्रेस को अपने बचे 44 विधायकों में से किसी के भी टूटने का डर है। बताया जाता है कि 44 में से भी चार विधायक भाजपा के सम्पर्क में है। वे अपने उम्मीदवार अहमद पटेल को शायद ही वोट दे और उनका झुकाव कांग्रेस से भाजपा में गए बलवंत सिंह के पक्ष में है।

अभी जो माहौल चल रहा है, उससे लग रहा है कि तीनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की तो जीत पहले से ही तय है। तीसरे उम्मीदवार बलवंत सिंह के जीतने की तब प्रबल संभावना हो गई, जब गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकर सिंह बाघेला पार्टी छोड़ गए, इसके साथ ही छह कांग्रेस विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और भाजपा में चले गए। हालांकि जब यह उलटफेर हो रहा था तब कांग्रेस ने समझदारी दिखाते हुए शेष बचे 44 विधायकों को कर्नाटक में वहां के मंत्री के रिसोर्ट में भेज दिया, जो कल ही गांधी नगर पहुंचे हैं और आज एक ही बस में इन्हें गुजरात विधानसभा में लाया गया है। उन्होंने वोटिंग कर दी है, लेकिन चर्चा है कि चार विधायकों ने भाजपा खेमे में वोटिंग की है। अगर यह सही है तो अहमद पटेल का जीतना मुश्किल है। उधर, भाजपा आश्वास्त है कि वह तीनों सीटें जीतेंगी।

– बाघेला ने कहा, मैंने मेरे अजीज दोस्त को वोट नहीं दिया
गुजरात विधानसभा में वोटिंग के बाद शंकर सिंह बाघेला ने कहा कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया है और कांग्रेस के कुछ विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोटिंग की है। उन्होंने यह भी कहा कि अहमद पटेल मेरे अजीज दोस्त है, लेकिन मैंने उन्हें वोट नहीं दिया। गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा में 182 सीटें है, जिनमें से छह विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। 176 विधायकों में से 121 भाजपा के हैं तो कांग्रेस के पास 51 एमएलए हैं। अहमद पटेल को जीतने के लिए 46 वोट चाहिए। अगर कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की तो पटेल का जीतना मुश्किल लग रहा है, हालांकि पटेल और गुजरात कांग्रेस के नेता आश्वास्त है कि वे 46 वोटों का आंकडा पार कर लेंगे।

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