नई दिल्ली। जांको राखे साईयां मार सके ना कोई वाली कहावत सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन के जांबाज कमांडेट राजस्थान के कोटा निवासी चेतन चीता के मामले में सत्य साबित हुई। कश्मीर में आतंकियों के बीच दहशत का पर्याय बने कमांडर चेतन चीता ने 20 जनवरी को बांदीपोरा इलाके में मुठभेड़ के दौरान मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जाकिर उर रहमान लखवी के भांजे और लश्कर कमांडर अबू मुसैब को मार गिराया। इस घटना के ठीक 20 दिन बाद चेतन को हंदवाड़ा के खान मोहल्ले में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली। वे बिना समय गवाएं अपनी टीम के साथ निकल पड़े। जयपुर के मीणा छात्रावास के स्टूडेंट कमांडेट चेतन चीता ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबु मुसाब को ढेर कर दिया। इस दौरान चेतन चीता पर 30 राउंड फायर किए गए, जिनमें उनको 9 गोलियां लगी। जिससे वे गंभीर रुप से घायल हो गए। गंभीर स्थिति होने के उपरांत भी चेतन ने अपनी इच्छा शक्ति को कम न होने दिया। एक माह तक कोमा में रहने के बाद उन्होंने मौत को मात दे डाली। जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। अब वे सकुशल है और एम्स ने छुट्टी दे दी है। चेतन के स्वस्थ होने की जानकारी जब केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू को मिली तो वे उनसे मिलने एम्स पहुंचें और बात की। वहीं चिकित्सक भी इसे एक करिश्मा ही मान रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि 45 वर्षीय चेतन को जब एम्स लाया गया तो उनके सिर में गोलियां लगी हुई थीं। गोलियां लगने से उनका ऊपरी अंग पूरी तरह फ्रैक्चर था, दाहिनी आंख में गोली आर-पार होने से क्षतिग्रस्त हो गई। जबकि जबड़े में गहरे जख्म थे। जब वे कोमा की स्थिति में थे। उस दरम्यान मष्तिष्क की चोट की गंभीरता को मापने वाला टेस्ट जीसीएस किया गया जो एम-3 था। अब जीसीएस स्कोर एम-6 है। इधर प्रदेश के साथ देश में लोगों को जब इस अफसर के साहस का पता चला तभी से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर देश में प्रार्थनाओं का दौर चल पड़ा था। डॉक्टर्स का कहना है कि चेतन अब पूरी तरह होश में है, उनके सभी अंग बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि एनकाउंटर के दौरान कमांडर चेतन को श्रीनगर मिलिट्री अस्पताल लाया गया। जहां से उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ट्रोमा सेंटर भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने सर्जरी करते हुए खोपड़ी के एक हिस्से को हटाया दिया, ताकि इंट्राक्रेनियल दबाव को कम किया जा सके। वहीं उन्हें इन्फेक्शन को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स दिए गए।

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