Mayawati

नई दिल्ली। ईवीएम के मुद्दे को लेकर बुधवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस, बसपा सपा व अन्य दलों के नेता नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। उपसभापति पीजे कूरियन ने कहा कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। ऐसे में सदन का समय खराब न करें और चुनाव आयोग के पास जाए। कांग्रेस और सपा सदस्यों ने नियम 267 के तहत कामकाज निलंबित कर ईवीएम के मुद्दे पर चर्चा के लिए 4 नोटिस दिए। बसपा नेता मायावती ने सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ टिप्पणी की, जिसका सत्तापक्ष की ओर से जमकर विरोध किया गया। संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह टिप्पणी देश की जनता व लोकतंत्र का अपमान है। नकवी ने कहा कि वर्ष 2004 और 2009 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव हुए। उस दरम्यान तो सपा, बसपा और कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक उप चुनाव को लेकर ईवीएम के जांच में पोल खुली। यह ईवीएम से छेड़छाड़ का साफ प्रमाण है। इस पर एचआडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले में स्पष्ट कर चुका है। सपा के रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि ईवीएम के प्रोग्राम को साजिश के तहत ऐसे तैयार किया गया कि मत केवल भाजपा को ही मिले। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हाल ही में उप्र विधानसभा चुनाव में व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती गई। ईवीएम प्रोग्राम को इस तरह सेट किया गया कि शुरुआती 100-150 वोट डालने के बाद जो भी वोट डाले वो भाजपा को ही जाए। बसपा के सतीशचंद्र मिश्र ने कहा कि भाजपा को ईवीएम की सरकार व मंत्रियों को ईवीएम मंत्री बताया। नकवी ने कहा कि ईवीएम के विरोध के जरिए विपक्ष सरकार पर नहीं वरन चुनाव आयोग व देश की जनता पर संदेह जता रहा है। जीत का जश्न होता है तो हार का भी सम्मान होना चाहिए। इस पर विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

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