जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 4 नए मेडिकल कॉलेजों के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि राजस्थान में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के इस सबसे बड़े राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में लगातार सुधार का ही परिणाम है कि कोविड की खतरनाक दूसरी लहर में देश में सबसे बेहतर रिकवरी दर यहीं पर रही।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत ढांचा मजबूत करने पर फोकस कर रही है। राज्य के 33 में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज या तो संचालित हैं या फिर निर्माण की प्रक्रिया में हैं और वर्ष 2023 तक ये संचालन अवस्था में होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से बाकी बचे जालौर, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिलों में भी राजकीय मेडिकल कॉलेज की शीघ्र मंजूरी देने का आग्रह किया। गहलोत ने कहा कि ये तीनों ही पिछड़े जिले हैं और मेडिकल कॉलेज बनने से यहां पर बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ आम जन को मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में राज्य में निशुल्क दवा योजना एवं निशुल्क जांच योजना शुरू की गई थी। इस उद्देश्य को विस्तार देते हुए अब राज्य के सभी नागरिकों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देने वाली मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाकर आम आदमी को स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करना है।
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के समय यूएनडीपी के साथ मिलकर चेन्नई में देश का पहला पेट्रोकेमिकल इंजीनियंरिग इंस्टिट्यूट स्थापित किया गया। वर्तमान में देशभर में 42 ऐसे सिपेट संस्थान संचालित हैं जिनमें से जयपुर भी एक है। इनसे युवाओं का कौशल विकास होकर रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि पचपदरा में बन रही रिफायनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के साथ ही केंद्र से पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआईआर) को भी जल्द स्वीकृति मिल जाए तो पश्चिम राजस्थान का कायापलट हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत वर्तमान में राजस्थान में 16 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रहे इन महाविद्यालयों की कुल लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा यानी लगभग 2 हजार करोड़ रूपये राज्य सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं। ये कॉलेज सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़ और दौसा के अलावा अलवर, बूंदी, टोंक, झुंझुनूं, नागौर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, बारां, सवाई माधोपुर, करौली एवं धौलपुर में भी बन रहे हैं।
वर्तमान में राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2830 सीटें हैं। इन सभी महाविद्यालयों को वर्ष 2023 तक शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। निर्माणाधीन सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के आरंभ होने के बाद एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 4 हजार से अधिक होने की संभावना है।

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