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दिल्ली.वस्‍तुओं और सेवाओं पर कर की दरें कर दबाव सहित जीएसटी से पहले लगने वाले कुल अप्रत्‍यक्ष कर को ध्‍यान में रखते हुए तय की गई हैं। जन साधारण की खपत की सामग्री अनाज, दाल, दूध, चाय, खाद्य तेल, चीनी, टूथ पेस्‍ट, केश तेल, साबुन, जूते, बच्‍चों की तस्‍वीर, ड्राइंग और कलरिंग पुस्‍तक सस्‍‍ती हो गई हैं। इसके अतिरिक्‍त जीएसटी का उद्देश्‍य जटिल और बहु कर प्रणाली के स्‍थान पर सरल कर प्रणाली को अपनाना था।
इस प्रकार जीएसटी पहले की व्‍यवस्‍था की तुलना में सहज कर व्‍यवस्‍था है। वास्‍तव में जीएसटी ने केन्‍द्र द्वारा लगाई और एकत्रित किये जाने वाले विभिन्‍न करों को बदल दिया है। इन विभिन्‍न करों में के‍न्‍दीय उत्‍पाद शुल्‍क, विशेष महत्‍व की वस्‍तुओं पर अतिरिक्‍त शुल्‍क (कपड़े तथा कपड़ा उत्‍पाद), सीमा शुल्‍क पर अतिरिक्‍त शुल्‍क (सीवीडी रूप में प्रचलित) विशेष अतिरिक्‍त सीमा शुल्‍क (एसएडी) तथा सेवा कर शामिल हैं। इसके अतिरिक्‍त जीएसटी में राज्‍यों के अनेक कर समाहित किये गये हैं। यह जानकारी आज राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में वित्‍त राज्‍य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने दी।

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