vasundhara-raje
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जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार चित्तौड़-गढ़ के विष्व प्रसिद्ध किले तथा विजय स्तम्भ के संरक्षण का काम करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से विजय स्तम्भ के संरक्षण का काम हाथ में लिया जाएगा। इसके साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए चित्तौड़-गढ़ किले में 12 किलोमीटर के रिंग रोड़ की चैड़ाई बढ़ाने और इस पर डामरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है।
राजे रविवार को चिŸाौड़गढ़ में संत समागम एवं आषीर्वाद समारोह के अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि 6 करोड़ की लागत से गंभीरी नदी पर बनने वाले हाई लेवल ब्रिज से यहां यातायात सुगम हो सकेगा और लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल मातृकुन्डिया में साढ़े 4 करोड़ रुपये के विकास कार्य होंगे। इसी महीने में इस काम के टेण्डर कर दिए जाएंगे और फरवरी माह से काम शुरू भी कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर की द्रव्यवती नदी के सौन्दर्यकरण के तर्ज पर चिŸाौड़ की गम्भीरी नदी के सौन्दर्यकरण का काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावनाएं तलाषी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे हमेषा ईष्वर और संतों का आषीर्वाद मिला है। संतो के सानिध्य में मैंने ईष्वर में आस्था रखते हुए विभिन्न जातियों और धर्माें के लोगों को एकजुट रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि राजस्थान ऐसा प्रदेष बने जहां किसी तरह का वैमनस्य नहीं हो और सभी मिलजुलकर रहें। हम राजस्थान को ऐसा प्रदेष बनाना चाहते हैं जहां सभी लोग प्यार से रहें ताकि यहां और निवेष आए और राजस्थान फले-फूले।
राजे ने कहा कि हमारी सरकार धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। सभी धर्माें एवं सम्प्रदायों से जुड़े महापुरूषों की गाथाओं को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए प्रदेश में 100 करोड़ रुपये की लागत से करीब 30 पैनोरमा के निर्माण करवाए जा रहे हंै। साथ ही 551 करोड़ रू. से 125 मंदिरों में विकास कार्य भी हो रहे हैं।

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