Terrorism-issues-in-pakistan

बीजिंग। अमरीका में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद से अमरीका और चीन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के दक्षिण चीन सागर को लेकर अमरीकी रुख के चलते चीन में बैचेनी है। इसे लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अमरीका के रेक्स टिलरसन के उस बयान पर तीखे तेवर दिखाए है कि जिसमें उन्होंने चीन को दक्षिण चीन सागर खाली करने के लिए स्पष्ट संकेत देने की बात कही थी। टिलरसन को ट्रंप ने विदेश मंत्री पद के लिए नामित किया है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा यदि अमरीका दक्षिण चीन सागर में चीन को आने से रोकना चाहता है तो उसे बड़े स्तर पर युद्ध लडऩा होगा। यदि एक विशाल परमाणु शक्ति को अमरीका उसी के इलाके से हटाना चाहता है तो वह अपनी परमाणु रणनीतियों को कस लें। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सामने टिलरसन ने बुधवार को कहा था, कि दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियां चिंता पैदा करती है। इस इलाके में द्वीप का निर्माण बंद करने और कृत्रिम द्वीपों को खाली करने का हम उसे स्पष्ट संकेत भेजेंगे। चीन को दखल की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने ताइवान के साथ मजबूत संबंधों की भी पैरवी की थी। दक्षिण चीन सागर प्राकृतिक संपदा से संपन्न है। चीन इस पूरे क्षेत्र पर अपना एकाधिकार जताता है। उसने कृत्रिम द्वीप तक बना लिए हैं। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने चीन का एकाधिकार खारिज कर दिया था। हालांकि इस फैसले को चीन ने नहीं माना और वहां अपनी गतिविधियां तेज कर रखी है। उधर, अमरीका का कहना है कि चीन को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए।

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