नई दिल्ली। पीटर मुखर्जी के आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी देने के मामले में पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री चिंदबरम के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने बाद सीबीआई ने मंगलवार को चिंदबरम व उनके पुत्र कार्ति चिंदबरम के घर पर छापे मारे। सीबीआई ने उनके कुल 16 ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें चिंदबरम के चेन्नई आवास व कार्ति के कराईकुडी स्थित घर भी शामिल है। वहीं सीबीआई ने उनके मुम्बई, गुरुग्राम व दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। बता दें यह मामला आईएनएक्स मीडिया से संबंधित है। आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी के माध्यम से स्वीकृति दी गई थी। उस समय पी.चिंदबरम विभागीय मंत्री थे। सीबीआई ने सोमवार को ही इंद्राणी मुखर्जी, पीटर मुखर्जी, कार्ति चिंदबरम सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि यूपीए सरकार के समय इस प्रकरण में जांच रुक गई थी, जिसे अब पुन: गति दी जा रही है। गत माह ही 17 अप्रैल को ईडी ने फेमा कानून के उल्लंघन के मामले में कार्ति चिदंबरम व उनसे कथित तौर पर संबद्ध कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। ईडी ने दो साल अधिक समय तक जांच कर नोटिस चेन्नई की कंपनी मेसर्स वासन हेल्थकेयर प्रा.लि. को फेमा नियमों का उल्लंघन होने को लेकर जारी किया। जिसमें कुल 2262 करोड़ के विदेशी विनियम प्रबंधन कानून का उल्लंघन हुआ। नोटिस में बताया कि चेन्नई की कंपनी के शेयरों के बिक्री सौदे में 45 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की गई। सीबीआई की रेड पडऩे के साथ ही कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में खड़ी नजर आई। कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा चिंदबरम को झूठे मामले में फंसाकर उनकी आवाज को दबाना चाहती है। बदले की भावना व झूठे केस लगाना तो भाजपा के डीएनए में है ही। पार्टी ऐसे केसों से डिगेगी नहीं। वहीं छापेमारी के बाद पी.चिदंबरम ने कहा कि सरकार की मंशा साफ तौर पर मेरी आवाज को दबाने की प्रतीत हो रही है। सरकार जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। सरकार केवल मुझे, मेरे बेटे व दोस्तों को निशाना बनाना है। सरकार ने पत्रकारों, विपक्षी दलों, सामाजिक व गैर सरकारी संगठनों से जुड़े नेताओं के मामले में इसी तरह का प्रयास किया है। चिदंबरम डरने वाला नहीं है।

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