Fortis Hospital
नयी दिल्ली: डेंगू से सात साल की बच्ची की मृत्यु के बाद उसके परिवार को करीब 16 लाख रुपये का बिल थमाने वाले गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज इस मामले में ‘विस्तृत रिपोर्ट’ मांगी और कहा कि सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी। नड्डा ने घटना को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य सचिव से भी मामले को देखने को कहा है।
उन्होंने यहां स्वास्थ्य पर एक सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार ने मामले का संज्ञान लिया है। मैंने अस्पताल के अधिकारियों से पूछताछ की है और उनसे स्वास्थ्य मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वास्थ्य सचिव से भी मामले को देखने को कहा है और हम रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई करेंगे।’’ नड्डा ने कहा कि उन्होंने बच्ची के माता-पिता के एक मित्र द्वारा अस्पताल के खिलाफ कल रात ट्विटर पर पोस्ट डालकर लगाये गये आरोपों पर संज्ञान लिया है।
मामला सितंबर में सात साल की बच्ची की डेंगू से मौत का है। बच्ची को गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआई) में भर्ती कराया गया था। बच्ची के माता-पिता के दोस्त ने ट्वीट किया था, ‘‘मेरे एक साथी की सात साल की बच्ची डेंगू के इलाज के लिए 15 दिन तक फोर्टिस अस्पताल में रही। 18 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया जिसमें 2700 दस्तानों का भी पैसा जोड़ा गया। बाद में बच्ची की मृत्यु हो गयी।’’ फोर्टिस अस्पताल ने कल एक बयान में दावा किया था, ‘‘रोगी के इलाज में सभी मानक चिकित्सा प्रोटोकॉलों को अपनाया गया और सभी क्लीनिकल दिशानिर्देशों का पालन किया गया।’’ फोर्टिस ने कहा कि उसने परिवार को 15.79 लाख रुपये का बिल दिया था।

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