जयपुर। भाजपा से इस्तीफा देकर भारत वाहिनी पार्टी बनाने वाले विधायक घनश्याम तिवाड़ी के तेवर तीखे बने हुए हैं। वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भी बयानबाजी करके ललकार रहे हैं। तिवाड़ी का एक ओर बयान है, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री रामलाल पर आरोप है कि वे राजस्थान की दरबार संस्कृति से डरे सहमे हुए हैं और दबाव में है।

तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि जब अमित शाह के अध्यक्ष बनने के बाद मुझे राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पुन: लेने का निर्णय हुआ और आमंत्रण का फोन भी आ गया था लेकिन रातों-रात दबाव डलवा कर उसे भी रुकवा दिया. इस बारे में संगठन महामंत्री रामलाल जानते हैं। मेरे स्थान पर राजस्थान से जिन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है, उनके नामों पर भी जरा गौर कर लीजिए। उनमें से कुछ के स्तर की जाँच-परख भी कर लीजिए।

आपको समझ में आ जाएगा कि राजस्थान में पार्टी समर्पण, निष्ठा और योग्यता को दरकिनार कर चापलूसों का दरबार और माफियाओं का अड्डा बनती जा रही है। पार्टी और विचार तो बड़ी बात है, मैंने अपने वरिष्ठ नेताओं के केवल सुझावमात्र पर केंद्र द्वारा दी गयी राज्यसभा की टिकट छोड़ दी थी. राजस्थान में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. 1977 में 28-29 वर्ष की आयु में मिली विधानसभा की टिकट छोड़ दी थीं. पार्टी अब चापलूसों का दरबार और माफियाओं का अड्डा बनती जा रही है।

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