No carelessness in the treatment of the child, not more bills: Fortis

नयी दिल्ली। डेंगू से जान गंवाने वाली सात साल की बच्ची के परिवार से भारी-भरकम बिल वसूलने के आरोपों पर सफाई देते हुए गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल ने आज कहा कि बच्ची की देखभाल में कोई चिकित्सकीय लापरवाही नहीं बरती गयी या अधिक बिल नहीं वसूला गया और हर कदम पर बच्ची के परिवार को उसकी गंभीर हालत के बारे में तथा बिल के बारे में रोजाना जानकारी दी गयी। मामला सात साल की बच्ची को डेंगू के उपचार के लिए फोर्टिस, गुड़गांव में भर्ती कराने से जुड़ा है जिसमें 15 दिन के इलाज के बाद बच्ची की मौत हो गयी थी और अस्पताल पर 18 लाख रुपये बिल वसूलने के आरोप लगे हैं। इससे पहले इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आग्रह के बाद हरियाणा सरकार ने गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के खिलाफ आज जांच का आदेश दे दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने भी कहा कि अस्पताल से रिपोर्ट मांगी गयी है जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

उसके बाद अस्पताल ने अपने बयान में कहा, ह्यह्यहम दु:खी माता-पिता और रिश्तेदारों की चिंता को समझते हैं लेकिन सभी लोगों को और बच्ची के परिवार को विश्वास दिलाना चाहेंगे कि बच्ची की देखभाल में कोई चिकित्सकीय लापरवाही नहीं बरती गयी या अधिक बिल नहीं वसूला गया। इस बारे में सोशल मीडिया पर गलत तरह से जानकारी दी जा रही है। रोगी के उपचार में सभी मानक चिकित्सा प्रोटोकॉलों को अपनाया गया और सभी क्लीनिकल दिशानिदेर्शों का पालन किया गया। फोर्टिस के बयान के अनुसार, हर कदम पर बच्ची के परिवार को उसकी गंभीर अवस्था की जानकारी दी जाती रही। इसमें कहा गया कि अस्पताल छोड़ते समय परिवार को 20 से अधिक पन्नों का बिल सौंपा गया। अस्पताल में रहने के दौरान परिवार को रोजाना बिल की जानकारी दी गयी।बच्ची को 31 अगस्त को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 14 सितंबर को उसके परिवार ने बच्ची को वहां से ले जाने का फैसला किया।

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