Case for linking mobile with base: refusal to hear the Supreme Court's early hearing

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मोबाइल नंबरों को आधार से जोडने संबंधी दूरसंचार विभाग की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की खंडपीठ ने इस याचिका को कल सूचीबद्ध करने से इंकार करते हुये कहा कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्ष वाली पीठ के समक्ष इसी तरह के मामले लंबित हैं। न्यायालय ने याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करने वाले वकील से कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष 30 अक्तूबर को इसका उल्लेख करें जब आधार से संबंधित दूसरे मामलों पर सुनवाई होगी।

यह याचिका तहसीन पूनावाला ने दायर की है। याचिका में दूरसंचार विभाग की 23 मार्च की अधिसूचना निरस्त करने और इसे असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में टैलीकाम आपरेटरों को इस अधिसूचना पर अमल करने से रोकने और अब तक एकत्र किये गये आंकडों को नष्ट करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। केन्द्र ने कल ही शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार को जोडने की सयमय सीमा उन लोगों के लिये अगले साल 31 मार्च तक बढा दी गयी है जिसने पास 12 अंकों वाली बायोमेट्रिक पहचान संख्या नहीं है और जो आधार का पंजीकरण कराने के इच्छुक हैं। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायालय से कल कहा था कि उन्हें कुछ बिन्दुओं पर निर्देश प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसके बाद न्यायालय ने इस मामले का 30 अक्तूबर को उल्लेख करने का निर्देश देते हुये सुनवाई स्थगित कर दी थी।

LEAVE A REPLY