beekaaner pashchim se beedee kalla ko mila tikat, kaangres kee teesaree soochee mein 18 ummeedavaar ghoshit

जयपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में अनियमितता मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक जुगल काबरा की गिरफ्तारी को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार के इशारे पर एसीबी की तानाशाही कार्रवाई करार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारे पर काबरा की गिरफ्तारी करने का आरोप लगाया था। पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने भी काबरा की गिरफ्तारी को भाजपा सरकार के इशारे पर की गई द्वेषता प्रेरित ओछी राजनीति बताया है। पायलट ने कहा, जिस प्रकरण को लेकर जुगल काबरा के खिलाफ कार्यवाही की गई है, उस संदर्भ में दर्ज प्राथमिकी को राजस्थान हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। यह सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना है। प्रदेश की भाजपा सरकार सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार विरोधी नेताओं के खिलाफ कानूनी हथकंडे इस्तेमाल कर आतंक पैदा करना चाहती है। कांग्रेस सरकार के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाने के साथ ही इस ओछी राजनीति का जवाब देकर राज्य सरकार की अनैतिक कार्यप्रणाली का पर्दाफाश करेगी।

– निष्पक्ष जांच हो जाए तो मुख्यमंत्री व आधा मंत्रिमण्डल जेल में दिखे

पूर्व विधायक काबरा की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि एसीबी को यदि निष्पक्षता से जांच की आजादी मिले तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को न केवल पद छोडऩा पड़ेगा बल्कि उनका आधा मंत्रीमंडल भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में जेल में होगा। लेकिन एसीबी को निष्पक्ष जांच एजेंसी की बजाय राजनीतिक मोहरा बनाया जा रहा है और यह सब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारे पर हो रहा है। भाजपा राज में 45 हजार करोड़ रुपए के खान घोटाले को दबाने के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ साजिशे रच रही है। इसी साजिश के तहत जुगल काबरा को गिरफ्तार किया है। कांग्रेस ने कभी भी किसी दोषी व्यक्ति को संरक्षण नहीं दिया और यदि किसी भी मामले में किसी पर आरोप सिद्ध होते हैं तो दोषी व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए। लेकिन जिस तरह जोधपुर में कांग्रेस के पूर्व विधायक जुगल काबरा को मुख्यमंत्री ने एसीबी पर दबाव डालकर गिरफ्तार कराया है, वह राजनीतिक साजिश की पराकाष्ठा है। डूडी ने कहा कि प्रदेश में एनआरएचएम घोटाले और खान घोटाले में दो वरिष्ठ आईएएस अफ सरों को जेल जाना पड़ा। जलदाय विभाग में हुए बड़े स्तर के घोटालों से पूरा प्रदेश हैरान रह गया। लेकिन इन सभी मामलों में मातहतों पर कार्रवाई कर घोटाले के मुख्य सूत्रधारों को बचा लिया गया क्योंकि इन घोटालों के कई सूत्रधार मंत्रीमंडल के अंग हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वास्तव में प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहती हैं तो वे सबसे पहले खान घोटाले, एनआरएचएम घोटाले, जलदाय घोटाले आदि मामलों की एसीबी को निष्पक्ष जांच करने की आजादी प्रदान करें और इसकी जांच रिपोर्ट विधानसभा में सदन के पटल पर रखने का साहस दिखायें।

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