Trial of Dr. Abdul Hameed's Death Reference upto High Court hearing till 26

– एचडीएफसी बैंक से लोन लेकर विला खरीदने वाली रिटायर्ड अधिकारी के साथ बिल्डरों ने की धोखाधड़ी। कोर्ट ने एक आरोपी उत्कर्ष बैराठी की जमानत अर्जी खारिज
जयपुर। धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी आदर्श नगर निवासी उत्कर्ष बैराठी की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। जिला व सत्र न्यायाधीश सतीश चन्द्र गोदारा ने उत्कर्ष बैराठी की अर्जी को खारिज किया। भारतीय सेना से सेवानिवृत्त मनाली खंगारोत के साथ उत्कर्ष बैराठी, सौरभ गर्ग, राधा गोविन्द लश्करी समेत अन्य ने धोखाधड़ी की। ये सभी नीलकंठ होम्स के कर्ताधर्ता है। इन्होंने आठ साल पहले प्रार्थिया मनाली खंगारोत को सांगानेर स्थित नीलकंठ होम्स में एक विला का वेचान किया था। यह विला एचडीएफसी बैंक के जरिये लोन राशि से लिया। करीब पचास लाख रुपये की राशि विला खरीद में चुकाई। कुछ महीने पता चला कि खरीदे गए विला में अन्य कोई आकर रहने लगा और आरोपियों ने इस विला को अन्य को बेचान कर दिया। इस बारे में नामजद आरोपियों को बताया तो उन्होंने अभद्र व्यवहार करते हुए भगा दिया। इस पर मनाली ने हाल ही भांकरोटा थाना में उत्कर्ष बैराठी, सौरभ गर्ग, राधा गोविन्द लश्करी समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था। जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने दस विला पर पीएनबी से लोन लेकर इन्हें नीलाम करवा दिया। जबकि प्रार्थिया व अन्य ने एचडीएफसी व अन्य से लोन लेकर ये विला खरीदे थे। जब प्रॉपर्टी के दस्तावेज पहले से ही दूसरे बैंक में जमा है तो उसे दूसरा बैंक कैसे नीलाम कर सकता था। मनाली खंगारोत ही नहीं अन्य लोगों के साथ भी धोखाधड़ी हुई है। हालांकि अभी मनाली ने रिपोर्ट दी है। इस धोखाधड़ी में बैंकों की मिलीभगत और भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। प्रार्थिया मनाली खंगारोत की ओर से एडवोकेट अश्विनी कुमार शर्मा ने पैरवी की।

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