भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम (लाल परेड मैदान) में ध्वजारोहण करने के बाद प्रदेश को गरीबी मुक्त राज्य बनाने में सहयोग देने के लिए सक्षम लोगों से अपनी अर्जित आय का दो प्रतिशत भाग जरूरतमंदों की मदद पर खर्च करने का आह्वान किया। लाल परेड मैदान में आयोजित भव्य समारोह में चौहान ने कहा, प्रदेश को दुनिया का उत्तम राज्य बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र को लेकर यह सरकार आगे चल रही है। राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त, गरीबी मुक्त, गंदगी मुक्त, आतंकवाद मुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं। गरीबों के कल्याण की अनेक योजनाएं चल रही हैं, स्वच्छता के मामले में राज्य ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, भ्रष्ट अफसरों की संपत्ति कुर्क की जा रही है और चंबल सहित अन्य इलाकों को डकैत विहीन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को गरीबी-मुक्त प्रदेश बनवाने में आमजन से सहयोग मांगते हुए समाज के सक्षम लोगों का आह्वान किया कि अपनी अर्जित आय का दो प्रतिशत भाग जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए खर्च करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सभी के साझा प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया कि वे समाज कल्याण के किसी भी क्षेत्र में स्वेच्छा से काम करने के लिए माह में एक बार कम से कम दो घंटे का समय निकालें। चौहान ने कहा कि राज्य में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। वर्ष 2018 के अंत तक 500 की आबादी वाले गांव को सड़क से जोड़ने का संकल्प है। सिंचाई के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है, राज्य की विकास दर दहाई में चल रही है। चौहान के मुताबिक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ग को सस्ते दर पर खाद्यान्न दिया जा रहा है, आवास की सुविधा दी जा रही है। राज्य में कोई परिवार ऐसा नहीं रहेगा, जिसके पास खुद का भूखंड न हो। यह योजनाएं इसलिए चलाई जा रही हैं, ताकि उन्हें गरीबी से मुक्त किया जा सके। चौहान ने जीएसटी को प्रदेश के लिए लाभकारी बताते हुए कहा, इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि महुआ बीनने वाले आदिवासी संग्राहकों के हित के लिए समर्थन मूल्य पर महुए की खरीदी की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका योजना शुरू की गई है। इसमें उन्हें जूते पहनाए जाते हैं और पानी की कुप्पी दी जाती है।

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