नई दिल्ली। ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों के मामले में चुनाव आयोग की खुली चुनौती से पीछे राजनीतिक दलों से अब चुनाव आयोग खासा खफा नजर आ रहा है। इस मामले में चुनाव आयोग केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा कि चुनाव आयोग की छवि खराब करने के वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया जाए। ताकि आधारहीन आरोपों के मामले में सख्त कार्रवाई की जा सके। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर अदालत की अवमानना कानून में संशोधन करने की मांग की है।

इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग का पत्र जब भी हमारे समक्ष आया तो सरकार आयोग की मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। वैसे भी चुनाव आयोग की एक विश्वसनीयता है और समूचे विश्व में आयोग की एक बेहतरीन छवि है। कोई उस पर गलत सवाल उठाता है तो यह ठीक नहीं है। चुनाव आयोग ने संविधान के दायरे में रहते हुए जो पत्र लिखा है उस पर अगर कानून का निर्माण हो सकता है तो केन्द्र सरकार व मंत्रालय इस पर अवश्य विचार करेगा। चिट्ठी का अध्ययन कर उसकी मांग पर संविधान के अनुसार विचार किया जाएगा।

पीपी चौधरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सहित अन्य पार्टियों ने इस मामले में जो सवाल उठाए वे गलत हैं। बता दें यूपी सहित 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव व राजस्थान के धौलपुर उप चुनाव के बाद कुछ पार्टियों ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। इस मामले में आयोग ने साफ किया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ या हैक करना संभव नहीं है। साथ ही राजनीतिक दलों का चुनौती भी दी। लेकिन उनकी चुनौती को सीपीएम व एनसीपी क अलावा किसी भी राजनीतिक दल ने हिम्मत नहीं दिखाई थी।

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