Gujarat Assembly Elections

नयी दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और जदयू के बागी शरद यादव गुट में आम राय कायम नहीं हो पा रही है। शरद गुट ने कांग्रेस आलाकमान से गुजरात में आदिवासी बहुल सात सीटों की मांग की है जबकि कांग्रेस उन्हें सिर्फ एक सीट देने के लिये तैयार है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक शरद गुट द्वारा जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये छोटूभाई बसावा की सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के साथ दो दौर की बातचीत बेनतीजा रही।

समझा जाता है कि ना तो बसावा सात से कम सीट लेने पर तैयार हैं और ना ही कांग्रेस एक से ज्यादा सीट देने को राजी हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने सिर्फ बसावा के लिये एक सीट देने पर सहमति जतायी है। जबकि बसावा अपने बेटे महेश भाई बसावा सहित पांच अन्य सीटों की मांग पर अड़े हुये हैं।

शरद गुट का दावा है कि दक्षिणी गुजरात की आदिवासी बहुल 20 सीटों पर बसावा का खासा असर है। बसावा खुद इस इलाके से विधायक हैं और स्थानीय समीकरणों के हवाले से शरद गुट इस इलाके की सात सीटों पर अपना दावा जता रहा है। कांग्रेस के इस बर्ताव से खुद शरद यादव खिन्न बताये जाते हैं। यादव के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को इस बात के लिये आगाह भी किया है कि इस तरह के बर्ताव से गुजरात में भी भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता प्रभावित होगी और उत्तर प्रदेश की तरह गुजरात में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

यादव ने कांग्रेस आलाकमान से कहा है कि गुजरात में हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर भाजपा के खिलाफ माहौल तो बना सकते हैं लेकिन मतदाताओं के वोट नहीं ला पायेंगे। इसके मद्देनजर उन्होंने कांग्रेस को नसीहत दी है कि स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुये पार्टी हाईकमान को सहयोगी दलों के साथ उदारता दिखानी चाहिये।

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