पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर के पोते साहिल राजपाल को मोहन लाल गुप्ता के विधायक निवास से किया था एसीबी ने अरेस्ट, पांच दिन के रिमाण्ड पर लिया साहिल को
जयपुर। स्पूफिंग कॉल ठगी मामले की आंच किशनपोल से भाजपा विधायक मोहन लाल गुप्ता तक पहुंचने लगी है। कांग्रेस ने सरकारी विधायक बंगले से ठगी की वारदात को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उधर, एसीबी अफसर बनकर पीएचईडी पेयजल घोटाले में लिप्त आरोपी अफसरों, इंजीनियर्स और ठेका कंपनियों के संचालकों को फोन करके ठगी करने के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राधेश्याम गंगानगर के पोते साहिल राजपाल को एसीबी ने पांच दिन के रिमाण्ड पर लिया है। एसीबी टीम साहिल से ठगी में लिप्त दूसरे सदस्यों और ठगी से प्राप्त राशि के बारे में पडताल करेंगी, साथ ही राजपाल ने किन लोगों से ठगी की, उस बारे में पूछताछ करेंगी। एसीबी टीम उसे श्रीगंगानगर भी लेकर जा रही है, जहां से उसके फोन करने और दूसरी साक्ष्यों की जानकारी जुटाई जाएगी।

– कांग्रेस के निशाने पर विधायक मोहन लाल गुप्ता
उधर, इस मामले में भाजपा विधायक मोहन लाल गुप्ता भी कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं। साहिल राजपाल को विधायक गुप्ता के जालूपुरा स्थित विधायक निवास से अरेस्ट किया था। वो वहीं से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। हालांकि विधायक मोहन लाल गुप्ता ने बयान दिया है कि उसने एक अगस्त को ही बंगला खाली कर दिया था, जबकि पीडब्लूडी विभाग के अभियंता का कहना है कि उन्हें 8 अगस्त को गुप्ता का पत्र मिला है, जिसमें वे बंगला खाली करने की बात लिख रहे हैं। उनके बंगले से साहिल राजपाल की गिरफ्तारी होने के बाद कांग्रेस महासचिव व पूर्व मेयर ज्योति खण्डेलवाल ने आरोप लगाया है कि विधायक गुप्ता के आवास से साहिल राजपाल को पकड़ा है। वे बयान दे रहे हैं कि वे पहले ही बंगला खाली कर चुके थे, जबकि विभाग अफसर कह रहे हैं कि एक दिन पहले उनका पत्र मिला है। गुप्ता का बयान विरोधाभासी है। ज्योति का आरोप है कि साहिल राजपाल ने सरकारी बंगले से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। इसमें विधायक गुप्ता की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। ज्योति खण्डेलवाल ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है, ताकि प्रकरण में निष्पक्ष जांच हो सके, साथ ही ईमानदार एसीबी अफसरों के नाम से ठगी में लिप्त गिरोह और उनके सदस्यों का पर्दाफाश हो सके।

LEAVE A REPLY