Bribe-trap-case

– कई कमरे सील किए, एक अभियंता से पांच लाख की नकदी मिली
जयपुर। जयपुर नगर निगम के मुख्यालय पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार देर रात कार्रवाई करते हुए रेड मारी और कई कमरों को सील कर दिया। एसीबी अफसरों ने सुबह भी कार्रवाई की, जिसमें सिविल लाइन जोन के अभियंता के हिमांशु शर्मा के पास करीब पौने छह लाख रुपए की नकदी मिली है। इसी जोन की एक रेवेन्यू अफसर को एसीबी ने गुरुवार को बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धरा था। उसके बाद से ही एसीबी ने यह कार्रवाई की। एसीबी हिमांशु से नकदी के बारे में पूछताछ कर रही है और पडताल में लगी है कि इतनी बड़ी राशि वह कहां से लाया। एसीबी अफसरों ने बिजली, गार्डन, नाला सफाई समेत अन्य कार्यों से जुड़े कक्षों को सील किया।

एसीबी को बिजली, उद्यान, नाला सफाई समेत अन्य कार्यों के ठेकों में लगातार शिकायतें मिल रही थी। चहेती फर्मों व ठेकेदारों को ठेके दिलाने, गलत कार्य होने पर भी भुगतान कर देने, कार्यों में भ्रष्टाचार और सामान खरीद में घपले की लगातार शिकायतें आ रही थी। इन्हीं शिकायतों को देखते हुए एसीबी आईजी वीके सिंह के निर्देशन में अफसरों की एक टीम शिकायतों के अनुसंधान में लगी हुई थी। कल रेवेन्यू अफसर संगीता जैन की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए कई कमरे सील किए। फाइलें जब्त की है। एसीबी की इस कार्रवाई से हडकम्प मचा हुआ है। विधायक नरपत सिंह राजवी ने भी सीएम वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचारों का खुलासा किया था, साथ ही भाजपा के शहर अध्यक्ष संजय जैन, पार्षद भगवत सिंह देवल समेत अन्य पदाधिकारियों पर नाला सफाई, पार्किंग के ठेके गलत तरीके से लेने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

अंदेशा जताया जा रहा है कि राजवी के पत्र कांड के बाद ही एसीबी एक्टिव हुई है। संभावना यह भी है कि सीएम राजे ने राजवी के पत्र को एसीबी भेजते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हो। गौरतलब है कि पार्कों के विकास, बिजली उपकरण की खरीद, नाला सफाई व पार्किंग ठेकों में करोड़ों रुपए के घपले की शिकायतें लगातार आ रही थी। भाजपा के पार्षद ही भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे। गुरुवार को जयपुर नगर निगम सीईओ रवि जैन ने भी राजवी के नाला सफाई व दूसरे कार्यों पर जांच के आदेश दिए थे। आज उनका तबादला हो गया है।

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