कोर्ट के आदेश पर फायनेंस कंपनी ने उदयपुर बीजेपी के महामंत्री मोतीलाल डांगी की कोठी की थी सील
जयपुर। तीन करोड रुपए की रिकवरी को लेकर उदयपुर के भाजपा नेता मोतीलाल डांगी की कोठी सील करने के मामले में मंगलवार को नया मोड सामने आया है। मोतीलाल डांगी के समर्थकों ने मंगलवार को सील कोठी के ताले तोड़ दिए और सील को भी हटा दिया। समर्थकों का कहना है कि सील कोठी में मोतीलाल डांगी रह गए। पुलिस और फायनेंस कंपनी को कहने पर भी सील कोठी नहीं खोली गई तो आज समर्थक वहां पहुंच गए और ताले तोड़कर सील हटा दी गई। उधर, समर्थकों की इस कार्रवाई पर बवाल हो गया है।
फायनेंस कंपनी ने इसे कोर्ट की अवमानना माना है। इस संबंध में कोर्ट और पुलिस थाने में लिखित शिकायत करने की कही है। तीन करोड़ रुपए की रिकवरी नहीं देने पर केपिटल फर्स्ट फायनेंस कंपनी ने कोर्ट के आदेश पर मोतीलाल डांगी की कोठी सील करवाई, ताकि बकाया लोन राशि वसूली जा सके। सील कार्रवाई के दौरान मोतीलाल डांगी कोठी में रह गए। हालांकि तब कोठी की तलाशी ली गई थी, लेकिन तब कोई नहीं दिखा था। सील कार्रवाई के बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। मीडिया और भाजपा कार्यकर्ताओँ में यह काफी चर्चा में रहा। मोतीलाल डांगी ने पुलिस को सूचना दी कि वे कोठी में है, उन्हें आजाद करवाया जाए। पुलिस ने फायनेंस कंपनी को सूचना दी, लेकिन कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सील खोलने के इंकार कर दिया। जब यह बात समर्थकों को पता चली तो वे कोठी के बाहर जमा होने लगे और सील व ताले तोड़ डाले।