जयपुर। पिछले दिनों बीकानेर के पांचू थाना क्षेत्र में एक बालिका के साथ गैंगरेप कर हत्या करने का मामला अब नया रंग लेता जा रहा है। इस घटना में लापरवाही बरतने वाले थानाधिकारी परमेश्वर सुथार को एपीओ किया गया है। एसपी ने भी इस बात को माना है कि उन्होंने अनुसंधान में लापरवाही बरती है इसलिए उन्हें एपीओ कर दिया गया है। इसके बावजूद भी सुथार समाज अपने पांचू थाने के एसएचओ को बचाने के लिए सड़क पर उतर आया है। और हर तरह के हथकंडे अपना कर परमेश्वर सुथार को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। सुना तो यह भी जा रहा है कि एपीओ थानाधिकारी के मामा बहुत रसूख वाले हैं जिनके पुलिस के आला अधिकारियों व राजनेताओं से अच्छे संबंध हैं। जिसके चलते एसपी पर भी दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। तथा जन चर्चाओं के अनुसार सुनने में आ रहा है कि इसमें पैसे का भी बड़ा खेल चल रहा है। कहने का मतलब है कि किसी भी तरह से साम-दाम-दंड-भेद से पांचू थानाधिकारी को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उठ रहे हैं सवाल कहां था सात महीने पहले सुथार समाज
लेकिन एक बात और गौर करने वाली है वह यह है कि 7 माह पहले इसी समाज के एक युवक का मर्डर हुआ था तब यह समाज क्यों नहीं उसको न्याय दिलाने के लिए आगे आया। उस युवक के परिवार को भी आज तक न्याय नहीं मिला। उसके लिए यह समाज क्या कर रहा है। क्या कोई बता सकता है, क्या इसलिए की वो गरीब था, और यह थानाधिकारी अरबपति मामाओं का भांजा है इसलिए इनकी सोच चाहे जो हो लेकिन गैंगरेप और हत्या की शिकार उस बालिका का क्या? उसको कौन न्याय दिलाएगा? उसके परिजन गरीब है तो क्या उन्हें न्याय का अधिकार नहीं है क्या वे अपनी बात को प्रमुखता से उठा नहीं सकते। उन्हें कौन न्याय दिलाएगा? सुथार समाज के थानाधिकारी के पक्ष में आने से इस मामले ने दूसरा ही मोड़ ले लिया है उस बेचारी बालिका का क्या जो इस खौफनाफ घटना का शिकार हुई। इसमें भी लोग अपनी ओछी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जहां एक और सारा बिकाणा और सर्व समाज इस बालिका के परिवार को न्याय दिलाने के लिए एकजुट हो रहे हैं वहीं यह सुथार समाज एक अरबपति मामा के भान्जे को बचाने में लगा हुआ है।

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