जोधपुर. हजारों लोगाें से 100 करोड़ ठगने वाले एक शातिर अपराधी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। दस साल से पुलिस को चकमा देकर देश के अलग-अलग राज्यों में फ्रॉड करने वाला यह आरोपी जोधपुर का रहने वाला है। चिटफंड, ई-कॉमर्स और मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों का पैसा डबल करने का झांसा देने वाला यह आरोपी सीमा सुरक्षा बल में रसोइया भी रह चुका है। कई तरह की कंपनियां बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाने वाले इस आरोपी पर राजस्थान के अलावा, दिल्ली और हरियाणा में भी केस दर्ज हैं। जोधपुर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने बताया कि बालेसर के रहने वाले ओमाराम को 29 जुलाई को दिल्ली क्राइम बांच ने रोहिणी से फ्रॉड के मामले में पकड़ा था। फर्जी पहचान से दिल्ली में छुपे ओमाराम पर राजस्थान के तीन से ज्यादा जिलों में 58 केस दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि ओमाराम ने 2007 में बीएसएफ छोड़ ठगी करना स्टार्ट किया।
जिला ग्रामीण एसपी अनिल कयाल ने बताया कि बालेसर थाने में 4 प्रकरण में ओमाराम फरार है। ओमाराम मिताशी कंपनी के माध्यम से ठगी की है। उन्होंने बताया कि इन मामलों में प्रोडक्शन वारंट के माध्यम से ओमाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर लाया जाएगा। फिलहाल कई मामलों में सीकर पुलिस पूछताछ कर रही है। मिताशी फ्रॉड मामले में ओमाराम के सहयोगियों के खिलाफ भी जोधपुर जिले में चार मामले दर्ज हैं। सीकर में ओमाराम के खिलाफ 10 मामले दर्ज हैं। सीकर पुलिस दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर आरोपी को सीकर लाई है। साल 2011 में शहर के कई लोगों को कंपनी चेन सिस्टम में रुपयों और गिफ्ट का लालच देकर लाखों रुपए ऐंठ चुका था। मामले में आरोपी ओमाराम के खिलाफ कोतवाली थाने में करीब 10 मामले दर्ज हुए थे। जिसके बाद पुलिस को आरोपी की तलाश थी।
ओमाराम ने मिताशी नाम से कंपनी बनाई हुई थी। जो प्रति व्यक्ति से 4000 रुपए लेता और पैसे डबल करने की बात करता था। साथ ही मेंबर बनाने पर उन्हें मोटरसाइकिल गिफ्ट जैसे लालच देता था। आरोपी और उसके साथी होटलों में सेमिनार भी करवाते थे। जिसमें भी कई लोग झूठी कहानियां सुनाते। जिसके कारण शहर के कई लोग आरोपी ओमाराम के झांसे में आ गए।
ओमाराम को दो साल पहले दुष्कर्म के एक केस में दिल्ली में पकड़ा भी गया, लेकिन नाम बदलने व अपना आधार कार्ड इंदौर शिफ्ट करने के कारण उसके पिछले मामलों पर पर्दा पड़ा रहा। पिछले साल जब उसने अपना कार्ट नाम से प्लेटफार्म शुरू कर लोगों से ठगी करने लगा तो वह पुलिस की नजर में आया। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने उसे शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। राजस्थान के 58 मामलों के साथ ओमराम हरियाणा के नारनौल पुलिस का भी घोषित भगोड़ा है। दिल्ली क्राइम ब्रांच 6 महीने से उसके पीछे लगी थी। ओमाराम का कोई फोटो भी किसी के पास नहीं था। वह सामान्य कॉल से कभी परिवार व अन्य लोगों से बात नहीं करता था, हमेशा सोशल मीडिया ऐप से ही बात करता था।

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