जयपुर। राजस्थान के डकैत प्रभावित धौलपुर जिले के नामी डकैतों में शुमार जगन गुर्जर 70 वे मामले  में बरी कर दिया है। डकैती मामलात की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश प्रकाश भट्ट ने डकैती, हत्या, अपहरण, फिरौती समेत अन्य धाराओं में जगन गुर्जर पर चल रहे 70 वे मामले में फैसला देते हुए बरी कर दिया। संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर पाया है। ऐसे में जगन गुर्जर को संदेह का लाभ देकर बरी किया जाता है। जगन गुर्जर के खिलाफ 70 आपराधिक मामले चल रहे थे। 68 मामलों में पहले ही वह बरी हो चुका है। एक मामले में उसे सजा हुई थी, जिसमें वह हाईकोर्ट से जमानत पर है। जो एक मामला बचा है, उसमें कोर्ट ने आज उसे बरी कर दिया है। एक मामले को छोड़कर शेष सभी में वह बरी हो चुका है। जगन गुर्जर के बरी होने की खबर लगते ही उसके गांव व गुर्जर समाज के हजारों समर्थक उसके घर के सामने जमा हो गए। उसे देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे। जगन गुर्जर करीब आठ साल से जेल में बंद था। उसके बरी होने पर धौलपुर में सियासी माहौल गरमा गया है। धौलपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव से ऐन पहले जगन गुर्जर के बरी होने के साथ इस सीट पर उसके भी खड़े होने की चर्चा है। कोर्ट आदेश आते ही समर्थकों ने चुनाव में खड़े होने संबंधी बयान दिए हैं। वैसे भी धौलपुर सीट पर अच्छी-खासी संख्या में गुर्जर है। वैसे ही जगन गुर्जर का धौलपुर में काफी नाम है। गुर्जर समाज में अच्छी खासी पैठ है। कोर्ट से बरी आदेश मिलने के बाद चुनाव में उतरने की प्रबल संभावनाएं हैं। अगर गुर्जर चुनाव में उतरा तो दोनों ही दलों भाजपा व कांग्रेस खेमे को नुकसान पहुंच सकता है। उसके चुनाव में उतरने पर इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो जाएगा। अभी तो भाजपा की शोभारानी (सजायाफ्ता विधायक बी.एल.कुशवाहा की पत्नी) और कांग्रेस से बनवारी लाल शर्मा के बीच सीधी टक्कर है। बसपा अपना प्रत्याशी उतारने में है। लखनऊ से अनुमति मिलने पर बसपा यहां प्रत्याशी खड़ा कर सकती है। संभवतया: जगन गुर्जर को टिकट देकर इस सीट को मुकाबले में ला सकती है। इस सीट पर दलित वोटर भी बड़ी तादाद में है, जो बसपा के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। कुल मिलाकर अगर जगन गुर्जर ने चुनाव लड़ा तो कांग्रेस-भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

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