जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर में शुमार आनन्दपाल सिंह की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार करना सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है। एक ओर सरकार की मंशा यह है कि उसके परिजन आनंदपाल के शव को लेकर धार्मिक क्रिया के अनुसार उसका अंतिम संस्कार करें। वहीं दूसरी ओर परिजन आनंदपाल के एनकाउंटर को फर्जी बताकर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग पर पड़े हैं।

परिजनों का यह कहना है कि जब तक सरकार आनंदपाल एनकाउंटर के मामले में सीबीआई जांच सहित 6 मांगों को स्वीकार नहीं करती। तब तक आनंदपाल के शव को न तो लिया जाएगा न ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं आनंदपाल की मां निर्मल कंवर ने यहां तक कह डाला कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो खुद जान भी दे देगी। यही वजह रही कि शनिवार की रात एनकाउंटर के बाद आज तीसरे दिन मंगलवार को भी आनंदपाल का शव मोर्चरी में ही पड़ा रहा।

-ज्ञापन सौंपकर जता दी मंशा
इधर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर ने एनकाउंटर को पूरी तरह फर्जी बताते हुए राजस्थान सरकार को अपना 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा। साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वह अपनी जान दे देगी। निर्मल कंवर ने ज्ञापन में बताया कि उसके बेटे आनंदपाल उर्फ पप्पू को राजनीतिक द्वैषता के चलते मारा गया है, वह राजनीति का शिकार हो गया है। जब तक उनकी मांगों के संबंध में सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती, तब तक उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

-ये रखी प्रमुख मांगे
1. आनंदपाल के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराई जाए।
2. ढाई वर्ष पूर्व बीकानेर जेल में आनंदपाल पर हमला हुआ था। जिसमें बलबीर बानूड़ा की मौत हो गई थी, उस प्रकरण की भी सीबीआई जांच कराई जाए।
3. एनकाउंटर के मामले दोषी रहे पुलिस अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाए।
4. आनंदपाल की बेटी चीनू व अन्य परिजनों पर पुलिस के झूठे दर्ज मुकदमों व जेलों में बंद करने की कार्यवाही को तत्काल रोका जाए।
5. आनंदपाल के भाई मंजीत, रुपेंद्र व देवेन्द्र को अंतिम संस्कार के समय लाया जाए।
6. अंतिम संस्कार में भाग लेने आने वाले व हिरासत में लिए गए सभी लोगों को तत्काल रिहा किया जाए।

हालांकि इन मांगों के संबंध में राज्य सरकार की ओर से अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में अब यह कयास लगाया जा रहा है कि सरकार यदि सीबीआई जांच के आदेश देती है तो एक बार फिर यह मामला सोहराबुद्दीन मर्डर केस के समान पेचिंदगी भरा न हो जाए। वहीं खबरें यह भी छनकर सामने आ रही है कि चतर सिंह एनकाउंटर मामले में सरकार ने सीबीआई जांच की हामी तो भर दी, लेकिन जांच के आदेश सालभर बाद भी नहीं हुए। ऐसे में आनंदपाल के परिजनों के साथ सरकार धोखा न कर दे। यह डर भी अब आनंदपाल के परिवार व समाज को सता रहा है।

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