Amit shah

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मनमोहन सिंह के हमले पर पलटवार की कमान संभालते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सिंह से सवाल किया कि जब उनकी नजरों के सामने ‘‘भयंकर लूट’’ हो रही थी और जब राहुल गांधी ने उनके कैबिनेट से पारित अध्यादेश को फाड़ दिया था , तब उनका गुस्सा कहां था और प्रधानमंत्री कार्यालय के सम्मान की चिंता कहां थी ? भाजपा अध्यक्ष ने मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किये । शाह ने कहा कि मनमोहन सिंह इन दिनों काफी नाराज हैं लेकिन देश उस समय उनके गुस्से को नहीं देख पाया जब उनकी नजर के सामने ‘‘भयंकर लूट’’ हो रही थी । हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या वे तब भी इतने ही गुस्से में थे जब देश में भयंकर लूट और डाका डाला जा रहा था ।

उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह जी की ईमानदारी के सम्मान की बात आती है तब मैं कुछ नहीं कहना चाहता । उनकी नजरों के सामने भयंकर लूट और डाका अपने आप में सब कुछ कह देता है । अमित शाह ने सवाल किया कि मनमोहन सिंह का गुस्सा तब कहां था, जब राहुल गांधी ने उनके कैबिनेट से पारित अध्यादेश को फाड़ दिया था, तब प्रधानमंत्री कार्यालय के सम्मान की चिंता कहां थी । मनमोहन सिंह तब क्यों चुप रहे जब देश के प्रधानमंत्री को ‘नीच’ कहा जा रहा था ? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम मनमोहन सिंह जी को सम्मान के साथ यह याद दिलाना चाहते हैं कि उन्होंने पूर्व के चुनाव में भी गुजरात के लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया था लेकिन गुजरात ने उन्हें और कांग्रेस को हर बार खारिज किया ।

उन्होंने कहा कि हम सम्माननीय मनमोहन सिंह जी को याद दिलाना चाहते हैं कि उन्हें उस समय गुस्सा क्यों नहीं आया जब एक देश के एक मुख्यमंत्री को ‘‘मौत का सौदागर’’ कहा जा रहा था। तब वे क्यों चुप थे ।

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और मनमोहन सिंह को इस बात का जवाब देना चाहिए कि क्यों आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला इस बात से इंकार करते रहे कि पाकिस्तानी नेता के साथ कोई बैठक हुई थी । और बाद में सम्मानीय मनमोहन सिंह ने यूटर्न क्यों लिया और घोषित किया कि बैठक हुई थी । जब इस गुप्त बैठक का खुलासा हो गया तब सम्माननीय मनमोहन सिंह जी ने कहा कि बैठक में भारत पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा हुई । उन्होंने इस बारे में भारत सरकार को बताना जरूरी क्यों नहीं समझा ? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस बात का आश्चर्च है कि गुजरात चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी इतनी हताश है। मतदान से एक दिन पहले मनमोहन सिंह और राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुर्भवनापूर्वक निशाना बनाया जा रहा है। अगर गुजरात में राहुल गांधी की 60 रैलियों के बाद भी कांग्रेस हताश है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाकर उसे गुजरात में कोई मदद नहीं मिलने जा रही है ।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात चुनाव के दूसरे चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर आज नरेन्द्र मोदी पर फिर हमला बोलते हुए उनके बयान को ‘‘झूठ का पुलिंदा और लांछन’’ लगाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बिना विचारे लक्ष्मण रेखा लांघने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गुजरात चुनाव में कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान के साथ मिलीभगत की है। इस पर पलटवार करते हुए मनमोहन ने कहा कि जन सेवकों की राष्ट्रीयता पर सवाल उठाना अनुचित है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस बात से बहुत दुखी और उद्विग्न हैं कि कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनीतिक फायदा उठाने के लिए झूठ और लांछन का सहारा ले रहे हैं।

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