ajit-singh-dgp-rajasthan

– राजस्थान सरकार ने सोमवार देर रात अजीत सिंह के नाम की घोषणा की, हालांकि गैंगस्टर आनन्दपाल मामले में सांवराद हिंसा और राजपूत समाज के प्रतिनिधियों को समझाने में फेल साबित हुए थे अजीत सिंह। राजपूत समाज की नाराजगी को देखते हुए अजीत सिंह को बनाया डीजीपी, ताकि समाज में मैसेज दिया जा सके।
जयपुर। राजस्थान पुलिस के डीजीपी मनोज भट्ट सोमवार को रिटायर हो गए, साथ ही उनके स्थान पर सोमवार देर रात को डीजी जेल अजीत सिंह को नया डीजीपी बनाया गया है। उनका कार्यकाल चार महीने का होगा। इससे पहले डीजीपी के लिए काफी मशक्कत चलती रही। अजीत सिंह के अलावा ओपी गल्होत्रा, नवदीप सिंह, सुधीर प्रताप सिंह के नाम भी खूब चले। बाद में तय हुआ कि अजीत सिंह को डीजीपी बनाया जाए। क्योंकि एक तो चार माह का कार्यकाल है और दूसरा गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर के बाद राजस्थान का राजपूत समाज काफी आंदोलित हुआ और सरकार के खिलाफ नाराज भी चल रहा है।

राजपूत समाज में मैसेज देने और उनकी नाराजगी दूर करने के लिए सरकार ने अजीत सिंह को डीजीपी बनाया है। हालांकि सरकार ने जिस उम्मीद और आशा के साथ अजीत सिंह को गैंगस्टर आनन्दपाल मामले को निपटाने के निर्देश दिए थे, वे उसमें सफल नहीं हो पाए थे। सरकार को सांवराद सभा की जो रिपोर्ट दी थी, वे भी फेल साबित हुई थी। पुलिस ने बीस हजार लोगों के आने की कही थी, लेकिन पहुंच गए दो लाख के आस-पास लोग। इसके बावजूद उस दिन आंदोलनकारी राजपूत प्रतिनिधियों से वार्ता को अंतिम लक्ष्य तक ले नहीं जा पाए, जिससे लोगो उत्तेजित हो गए और हिंसा पर उतारु हो गए। इसके बाद समाज का भाजपा और सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया और सड़क पर गुस्सा दिखाई दिया। बाद में सरकार के राजपूत मंत्रियों ने मामले को संभाला और उनकी मांगे मानी। इसके बावजूद सरकार ने अजीत सिंह को डीजीपी बनाकर उन पर विश्वास जताया है। वैसे उन्हें पुलिसिंग का लम्बा अनुभव रहा है। ज्यादा समय फील्ड में रहा है। चार माह का समय कम है, लेकिन राजस्थान पुलिस को उनके अनुभव को लाभ जरुर मिलेगा।

LEAVE A REPLY