नई दिल्ली. पुंछ आतंकी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवानों की जान जाने के बाद से घाटी में भारतीय सुरक्षाबल दहशतगर्तों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इसी अभियान में शुक्रवार को राजौरी में आतंकियों और भारतीय जवानों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इस मुठभेड़ में इंडियन आर्मी के पांच जवान शहीद हो गए हैं। साथ ही कई आतंकियों के मारे जाने की खबर भी सामने आई है। हालांकि अभी एनकाउंटर चल ही रहा है ऐसे में मारे गए आतंकियों की संख्या और पहचान के बारे में डिटेल जानकारी सामने नहीं आई है।सेना की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ 10 घंटे से जारी है। बताया गया कि राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार सुबह 7.30 बजे से मुठभेड़ शुरू हुई। यहां बीते करीब 6 घंटे से एनकाउंटर जारी है। रह-रह कर दोनों ओर से गोलीबारी हो रही है। आतंकियों को पकड़ने और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सर्विस को बद कर दिया गया है। राजौरी मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। पहले दो जवानों के शहादत की सूचना आई थी। लेकिन थोड़ी देर पहले सेना ने बयान जारी कर बताया कि इस मुठभेड़ में घायल हुए तीन और जवानों की मौत हो गई। सेना के सूत्रों ने बताया कि सेना ने आतंकवादियों के 2-3 ग्रुप्स को इस इलाके में घेर रखा है। ये वही आतंकी हैं, जो पुंछ में सेना के ट्रक पर अटैक में शामिल थे। दोनों ओर से फायरिंग हो रही है। इसी दौरान आतंकियों ने एक ब्लास्ट किया, जिसमें आर्मी के दो जवान शहीद हो गए। मठभेड़ के बारे में आर्मी ने बताया कि ऑपरेशन 3 मई को शुरू हुआ था। राजौरी में कांडी के जंगलों में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया। शुक्रवार सुबह 7:30 बजे सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच फायरिंग शुरू हुई। बताया जाता है कि आतंकवादी एक गुफा के भीतर छिपे हुए थे। जिस इलाके में आतंकवादी छिपे हैं, वहां काफी पेड़-पौधे और पहाड़ियां हैं। सेना के सूत्रों ने यह भी बताया कि एनकाउंटर में शहीद होने वालों की संख्या बढ़ सकती है। संभावना है कि मुठभेड़ में कुछ आतंकवादी भी मारे गए हैं। राजौरी में इटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है। पुंछ आतंकी हमले के बाद बीते 72 घंटे में चार एनकाउंटर हुए। जिसमें चार आतंकी मारे गए। इधर घाटी में यह एनकाउंटर उस समय हो रहा है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी एससीओ समिट में भाग लेने के लिए भारत आए हुए हैं। इस समिट में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर फिर से अपना रुख स्पष्ट किया है।

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