नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी के तौर पर उतरे पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला कश्मीर के पत्थरबाजों को पक्ष लेते हुए विवादित बयान दे डाला। जनसभा को संबोधित करते हुए फारुख ने कहा कि कश्मीर में पत्थरबाजी कर रहे युवा अपना जीवन देश के लिए कुर्बान कर रहे हैं। उनका पर्यटन से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि हाल जम्मू कश्मीर में टनल का लोकार्पण करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीरी युवाओं का आह्वान करते हुए कहा था कि उनके पास दो रास्ते हैं। एक रास्ता पर्यटन का तो दूसरा रास्ता आतंकवाद का। विकास के लिए युवाओं को आगे आना होगा। प्रधानमंत्री के इस बयान के विपरित पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि जो युवा पत्थरबाजी कर रहे हैं। उनका पर्यटन से कोई लेना-देना नहीं है। वे अपना जीवन देश के लिए कुर्बान कर रहे हैं। ताकि समस्या का स्थाई समाधान निकल सके। पर्यटन से तो उनका दूर तक वास्ता नहीं है। वे अपना जीवन पर्यटन के लिए कुर्बान नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था देश विरोधी नारों से देश टूटता थोड़े ना है। जेएनयू में जो नारे लगे ऐसे नारे तो कश्मीर में लगना आम है। फारुख ने कहा कि भारत पाक एकसाथ बातचीत के लिए नहीं बैठ सकते तो अमेरिका को मध्यस्थता करनी चाहिए। भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले कालाधन वापस लाने, युवाओं को रोजगार से जोडऩे सरीखे वायदे किए। लेकिन न तो कालाधन आया न युवाओं को रोजगार मिला।

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