जयपुर। शहर के रामगंज थाने व चौपड़ में शुक्रवार को हुए उपद्रव, हिंसा व आगजनी के दौरान एक नहीं दो मौते हुई थी। हालांकि एक युवक आदिल की पहचान तो जगजाहिर हो गई थी। लेकिन दूसरे युवक की मौत को पुलिस सामने नहीं लाई। इसके पीछे जो एक प्रमुख कारण उभरकर सामने आया, वो यह रहा कि इसको लेकर शहर में उन्माद न फैले। यही वजह रही कि जिस युवक की मौत को लेकर पुलिस अब तक चुप्पी साधे हुए थी। उस युवक की पहचान मंगोड़ी वालों की बगीची निवासी भरत कोडवानी (29) के रुप में हुई। भरत नि:शक्तजन था। भरत परिवार में अकेला था, जो मानसिक रुप से बीमार अपनी मां ज्योति (52) का सहारा बना हुआ था। उसके एक बड़ी बहन भी है। जिसकी शादी हो चुकी है। भरत ई-रिक्शा चलाता था। उससे ही परिवार का गुजारा चल रहा था। भरत के शव का मुआयना करने गए लोगों ने बताया कि उसके गले व शरीर पर चोटों के निशान हैं।
-सवारी लेकर गया था रामगंज
मृतक भरत की बहन बबीता ने बताया कि भरत सवारियां लेकर रामगंज गया था। रामगंज से निकला उससे पहले संपर्क हुआ था। उसके बाद बात नहीं हुई। देर रात तक नहीं आया तो चिंता हुई। बाद में रामगंज में उपद्रव व आगजनी होने की बात सामने आई तो चिंता हुई। देर रात तक भरत नहीं आया तो उसकी तलाश की गई। रामगंज थाने में गए तो वहां किसी से सही जानकारी नहीं दी। पता चला कि किसी को एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती कराया गया। इस पर ट्रोमा गए, लेकिन भरत नहीं मिला।
-29 बार आए मिस कॉल, नहीं उठाया फोन
अगले दिन 9 तारीख को रामगंज थाने से एक पुलिसकर्मी सादा वर्दी में आया और भरत के ई-रिक्शा की चाबी देकर गया। उसने बताया कि भरत ट्रोमा में है। उसे वहां नहीं होने की बात कही, लेकिन अनसुना कर चले गया। देर शाम भरत के मोबाइल से लगातार मिस कॉल आए वो भी 28 से 29 मर्तबा। जब उसके फोन पर कॉल किया तो रिसीव नहीं हुआ। बाद में मोबाइल बंद हो गया। इससे चिंता बढ़ी की कहीं भरत फंसा हुआ तो नहीं है। 10 सिंतबर रात को थाने से फोन आया और एसएमएस में गंभीर होने की बात कही। जिससे चिंता बढ़ी, यहां आकर पता चला कि उसे तो 8 की रात को ही मृत अवस्था में लाया गया था।
-इधर से उधर भटकाया
भरत की बहन बबीता ने बताया कि भरत के गुमशुदा होने को लेकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। पुलिस ने इस थाने से उस थाने तक भटकाया। रामगंज थाने गई तो माणक चौक जाने की बात कही। माणक चौक थाने वालों ने वापस रामगंज थाने जाने की नसीहत दी। ऐसे कर्फ्यूग्रस्त इलाके में जाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। बाद में रामगंज थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज की गई। आज सुबह ही पता चला कि उसकी तो 8 सिंतबर को ही मौत हो गई।
-मुआवजे पर बिगड़ी बात
इधर रामगंज उपद्रव में भरत की मौत का समाचार उसके परिवार व अन्य लोगों तक पहुंचा तो बड़ी संख्या में लोग एसएमएस अस्पताल मोर्चरी आ डटे। यहां लोगों ने पुलिस का विरोध जताया और आदिल की मौत पर जो मुआवजा व सहायता देने पर सहमति बनी। वो ही भरत के परिवार को देने की बात पर लोग अड़ गए। इस दौरान धरोहर बचाओ समिति संरक्षक भारत शर्मा, भाजपा नेता अखिल शुक्ला, हवामहल विधायक सुरेन्द्र पारीक, कांग्रेस जयपुर जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास, राजीव अरोड़ा सहित अन्य लोग पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और प्रशासन से बात कर सहायता दिलवाने की बात कही। उधर सिंधी समाज सहित अन्य लोगों ने मुआवजा पर सहमति बनने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की बात कही।

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