Patidars in Gujarat stopped 'chariot of Modi'

अहमदाबाद। गुजरात में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को आगामी चुनावों में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि गुजरात विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं और भाजपा किसी भी सूरत में गुजरात में प्रधानमंत्री की साख पर बट्टा नहीं लगने देना चाहती है। गौलतलब है कि किस तरह से अहमद पटले ने भाजपा को पटखनी देकर अपनी सीट जीत ली थी। इसलिए भाजपा हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। वहीं पाटीदारों ने भी आरक्षण की मांग को लेकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रखी है। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव की वजह से यहां नेताओं के दौरे और चुनावी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितम्बर को अपने जन्मदिन के दिन नर्मदा के किनारे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसी दिन नर्मदा यात्रा का समापन हो रहा है और इसी मौके पर डभोई में बने सरदार सरोवर बांध पर पीएम मोदी नर्मदा नदी की पूजा कर एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।

गुजरात सरकार ने आने वाले चुनाव में नर्मदा पर बने सरदार सरोवर बांध का राजनीतिक तौर फायदा लेने की कोशिश में जुटी है. इसी वजह से हर गांव-जिले से नर्मदा यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा के लिये एक रथ तैयार किया गया है, जिसमें सरदार सरोवर बांध की तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की तस्वीर लगायी गयी है। हालांकि सोमवार को जब यात्रा मेहसाणा पहुंची तो यहां के खेरवा गांव में पाटीदारों ने इस रथ को रोक लिया। पाटीदारों का कहना है कि जो योजना सरदार पटेल की सोच का परिणाम है उसी नर्मदा यात्रा के रथ पर बल्लभ भाई पटेल की एक तस्वीर तक नहीं लगाई गई है।

हंगामा के बाद रथ के ऊपर पीएम मोदी की तस्वीर पर सरदार पटेल की तस्वीर लगाने के बाद ही पाटीदारों ने रथ को आगे जाने दिया। इस विरोध प्रदर्शन से साफ जाहिर कि सत्ताधारी बीजेपी सराकर भले ही सरदार सरोवर योजना को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रही है लेकिन पाटीदार अपने समुदाय के नेता और उसके विचारों से समझौता करने के लिए कतई तैयार नहीं हैं। इसके अलावा राज्य में चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ पाटीदारों ने अपने समाज के लिए आरक्षण की मांग को और तेज कर दिया है।

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