लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता अब सक्रिय रुप से समाजसेवा में आना चाहती है। इसको लेकर उन्होंने मीडिया के सामने अपनी चुप्पी तोड़ी और खुलकर अपनी बात रखी। साधना गुप्ता ने कहा कि वो राजनीति में आना चाहती थी, लेकिन नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने मना कर दिया। लिहाजा अब वे खुलकर समाज सेवा के काम में आगे आएंगी। समय आ गया है कि अब सामने आया जाए। उन्होंने बार-बार कहा कि अखिलेश यादव को वह अपना बड़ा बेटा मानती हैं। अखिलेश को किसी ने गुमराह कर दिया है। वह चाहती हैं कि उनका दूसरा बेटा प्रतीक यादव भी अखिलेश की तरह राजनीति में आए। गौरतलब है कि साधना गुप्ता यूपी के इटावा के बिधुना तहसील की निवासी है। उनकी शादी फर्रुखाबाद निवासी चंद्रप्रकाश गुप्ता के साथ 4 जुलाई 1986 को हुई। 7 जुलाई 1987 को साधना ने प्रतीक यादव का जन्म दिया। करीब दो साल बाद ही साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए। बाद में साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई। मुलायम की मां मूर्ति देवी अक्सर बीमार रहती थीं। ऐसे में साधना ने उपचार के दौरान मूर्ति देवी की अच्छे से देखभाल की। एक मर्तबा मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन देने जा रही थी, तभी साधना ने नर्स को रोक दिया। इस घटना के बाद मुलायम व साधना एक दूसरे के बेहद करीब आ गए। कहा जाता है कि 1994 में प्रतीक ने स्कूल फार्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पता मुलायम के ऑफिस का दिया। साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज। 2003 में मुलायम की धर्मपत्नी मालती देवी का निधन हो गया। बाद में मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। साधना के पहले पति चंद्रप्रकाश के भाई प्रमोद गुप्ता सपा से विधायक रहे हैं। चुनाव में अखिलेश ने प्रमोद गुप्ता का टिकट काटा तो उन्हें अपने पिता के दबाव में आकर फिर से टिकट देना पड़ा। अभी राजनीति से दूर प्रतीक को लेकर साधना का मन है कि वह सक्रिय रुप से राजनीति में आए। प्रतीक अभी अपनी हाईप्रोफाइल जिम चलाता है तो उसकी पत्नी अपर्णा यादव इस मर्तबा विधानसभा चुनाव में उतरी है।
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