karnal raajyavardhan sinh raathaud ne akhil bhaarateey pulis nishaanebaajee pratispardha, 2018 ke samaapan samaaroh mein shaamil hue

नयी दिल्ली। खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निखार लाने के मकसद से शुरू किये नगद प्रोत्साहन राशि अब सिर्फ पदक जीतने वाले खिलाड़ी और कोचों तक ही सीमित नहीं रहेगी क्योंकि सरकार ने इसका फायदा जमीनी स्तर के कोचों को भी देने का फैसला किया है।केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज यहां खेलो भारत गीत और शुभंकर का अनावरण करने के मौके पर कहा, ‘‘ जब भी कोई खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और ओलंपिक में पदक जीतता था तो उसके कोच को प्रोत्साहन मिलता था। अब हम इसमें बदलाव कर रहे है। प्रोत्साहन राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा अब खिलाड़ी के साथ जमीनी स्तर पर काम करने वाले कोच जबकि उनके विकास में योगदान देने वाले दूसरे कोच को 30 फीसदी राशि दी जायेगी।’’ राठौड़ ने कहा, ‘‘ यह सिर्फ पैसे के लिये नहीं बल्कि उन्हें पहचान देने के लिये किया जा रहा है। इसे लागू करने का काम धीमी रफ्तार से चलेगा। हम खेलो भारत से जुड़े खिलाड़ियों के कोचों का डेटाबेस तैयार करेंगे ताकि आगे जाकर जब ये खिलाड़ी पदक जीते तो उनके कोच को भी पहचान मिल सके।’’ खेल मंत्रालय ने खेलो योजना के तहत हर साल 1000 खिलाड़ियों का चयन करने का पहले ही फैसला कर लिया है जिनमें से प्रत्येक को आठ साल तक पांच-पांच लाख रूपये की छात्रवृति दी जायेगी।उन्‍होंने कहा कि हम खेलो भारत के जरिये अतिरिक्‍त खिलाड़ियों को तैयार करेंगे।

राठौड़ ने कहा, ‘‘पांच साल में हमारे पास छात्रवृति पाने वाले 5000 खिलाड़ी होंगे और इससे संभावित खिलाड़ियों और पदक विजेताओं के बीच का अंतर कम होगा।’’ खेल मंत्री ने कहा, ‘‘ इस योजना के तहत 17 साल की उम्र में खिलाड़ियों का चयन सही नहीं है क्योंकि उस समय खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाना चाहिये। इसलिये हम इसके तहत धीरे-धीरे खिलड़ियों के चयन के उम्र को कम कर इसे 12 साल पर ले आयेंगे ताकि योजना के तहत आठ साल पूरा करने के बाद 20 वर्ष की उम्र में वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये तैयार रहे।’’ स्‍कूली खेलों में तीरंदाजी, एथलेटिक्‍स, बैडमिंटन, बास्‍केटबॉल, मुक्‍केबाजी, फुटबॉल, जिम्‍नास्टिक्‍स, हॉकी, जूडो, कबड्डी, खो-खो, निशानेबाजी, तैराकी, वॉलीबॉल, भारोत्‍तोलन एवं कुश्‍ती जैसी 16 खेल स्‍पर्धाएं शामिल हैं। एथेंस ओलंपिक 2004 में निशानेबाजी में पदक जीतने वाले राठौड़ ने कहा इस योजना के तहत कोच पर भी ध्यान दिया जायेगा।उन्होंने कहा, ‘‘ कोचों के कौशल को निखारने के लिये हम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से करार कर रहे है। हम कोचों का समूह तैयार कर रहे है जहां कोचिंग देने के इच्छुक खुद का पंजीकरण कराकर अपने कौशल में निखार ला सकते है। हम उन्हें दो-तीन सप्ताह का प्रशिक्षण देने के बाद प्रमाणपत्र भी देंगे।’’ पहली बार इन खेलों का प्रसारण स्‍टार स्‍पोर्ट्स पर किया जाएगा जो और अधिक युवाओं को प्रोत्‍साहित करेगा जो आगे आने वाले वर्षों में इस खेल क्रांति का एक हिस्‍सा बनेंगे। ‘ स्‍टार इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री संजय गुप्‍ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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