रांची। ग्रामीणों को धमकाना पुलिस के लिए भारी पड़ गया। पुलिस के धमकाने के बाद ग्रामीण कुछ इस तरह से नाराज हुए की उन्होंने लगभग 150 पुलिस वालोंं को ही बंधक बना लिया। जिन्हें काफी मान-मनौव्वल के बाद ही छोड़ा गया। मामला कुछ इस तरह शुरु हुआ कि कुछ स्थानीय मुद्दे को लेकर तीन गांवों के लोगों ने विरोधस्वरूप बैरिकेड लगा दिए।
इसे हटाने पहुंची पुलिस ने हवा में फायरिंग की और जमा लोगों को हटाने की कोशिश की जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने गुरुवार रात को खुंटी जिले के पुलिस अधीक्षक समेत 150 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया।  उन्हें शुक्रवार को ही छुड़ाया जा सका, जब खुंटी के उपायुक्त और रांची क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत किया। विवाद तब शुरू हुआ जब गुरुवार को उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) रनबीर सिंह ने गांव सोदाग, रंदाग और सुल्हे में ग्रामीणों द्वारा लगाए बैरिकेड को हटाने का प्रयास किया। गांववाले स्थानीय मुद्दे को लेकर विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों ने पुलिस को घेर लिया। ग्रामीण पारंपरिक हथियारों से लैस थे।
पुलिस द्वारा हवा में फायरिंग करने के बाद गांववाले और अधिक उत्तेजित हो गए। खूंटी के एसपी अश्विनी कुमार 150 पुलिसकर्मियों सहित गुरुवार की रात घटनास्थल पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें भी घेर लिया। एसपी और अन्य 150 पुलिसकर्मियों को अगली सुबह तक गांववालों ने बंधक बनाए रखा। सुरक्षाकर्मियों ने बंधकों को छुड़ाने के लिए किसी भी प्रकार के बल का प्रयोग नहीं किया। डीआईजी और डीसी शुक्रवार की सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात करने का प्रयास किया। पहले वह बात करने को तैयार नहीं हुए लेकिन लगातर प्रयासों के बाद अधिकारियों ने गांव वालों को मना लिया।

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