जयपुर। हिंगोनिया गौशाला में चारा सप्लाई घोटाले में आरोपी और गिरफ्तार चल रहे चारा-कुट्टी सप्लायर घनश्याम सैनी (58) निवासी ढेर का बालाजी, मुरलीपुरा की जमानत अर्जी एसीबी कोर्ट-एक के जज बलजीत सिंह ने गंभीर अपराध बताते हुए खारिज कर दी। एसीबी ने 31 मार्च को ही घनश्याम के पुत्र ठेकेदार महेन्द्र सैनी, गौ संवर्धन परिषद के सदस्य व रिकार्ड में कांट-छांट करने वाले जेठाराम जाट निवासी गुढ़ा भगवानदास-खींवसर, रिश्तेदारों के नाम से ठेके उठाने वाले राधेश्याम सैनी निवासी आदर्श नगर, चारा सप्लायर ठेकेदार राजेन्द्र कुमार सैनी, आरोपी रमेश तंवर, रोशन तंवर को गिरफ्तार कर 25 मई, 2016 को पूरक चार्जशीट पेश की थी। इससे पहले एसीबी ने डॉ. कैलाश सन्तोष राव मौढे को 30 मार्चा, 2016 को गिरफ्तार कर उसी दिन कोर्ट में मूल चालान पेश किया था। डॉ. मोढे नगर निगम जयपुर में पशु चिाकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत था। एसीबी ने उपरोक्त प्रकरण 2009 में दर्ज किया था। आरोपियों पर फर्जी बिल बनाने, मरे हुए जानवरों को रिकार्ड में चारा खिलाने, भण्डारण क्षमता दुगुनी से भी अधिक दिखाने, धर्मकांटे के ऑपरेटर के फर्जी हस्ताक्षर करने सहित अन्य अपराध करने का आरोप है। अदालत में एसीबी की ओर से लोक अभियोजक महेन्द्र कुमार व्यास ने जमानत अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि चालान पेश करने के बाद केस में कोई परिवर्तन नहीं आया है।

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