Udaipur section has immense potential of 'Agriburism'

जयपुर। उदयपुर सम्भाग में खेतों को छुट्टियां बिताने के स्थान के रूप में विकसित करने के अनूठे विचार में अपार सम्भावनाएं हैं। पर्यटन और कृषि के इस संयोजन से ना सिर्फ किसानों को अतिरिक्त आय मिलेगी और वे बेहतर विकास कर सकेंगे बल्कि इससे उन्हें स्वयं को उद्यमी के रूप में भी बदलने में भी सहायता मिलेगी। उदयपुर में 7 से 9 नवम्बर तक आयोजित हो रहे ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट‘ (ग्राम) में ‘एग्री टूरिज्म‘ में सम्भावनाएं को प्रदर्षित किया जायेगा। यह जानकारी आज राजस्थान की प्रमुख शासन सचिव, कृषि, श्रीमती नीलकमल दरबारी ने दी।‘ग्राम‘ उदयपुर का आयोजन राजस्थान सरकार और फैडरेशन आॅफ इंडियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।प्रमुख शासन सचिव, कृषि ने आगे बताया कि पर्यावरण के प्रति जागरूक होते समाज और कम लागत के चलते ‘एग्री टूरिज्म‘ कांसेप्ट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जिससे इसमें काफी सम्भावनाएं हैं। ऐसे पर्यटक जो किसानों के मध्य रह कर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और गांव के जनजीवन के बारे में जानना चाहते हैं उनके लिये ‘एग्री टूरिज्म‘ एक उपयुक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। एग्री टूरिज्म के तहत पर्यटक फल तोडने, बेरी क्रषिंग, पौधे लगाने, फसल कटाई, गाय का दूध निकालने जैसे कार्य में किसानों की सहायता भी कर सकते हैं।

उदयपुर सम्भाग में ‘एग्री टूरिज्म‘ के प्रमोषन में अनेक अवसर है। पर्यटकों को नहर से सिंचित खेत और इनसे लगे हुए जंगल घुमाने ले जाया जा सकता है। इन खेतों पर विभिन्न गतिविधियां के माध्यम से पर्यटकों को खेती का कार्य स्वयं करने का अनुभव दिया जा सकता है। जयसमंद, माही, जाखम, सोम कमला, आंबा, आदि, झीलों, बांधों एवं नहरों के गाइडेड टूर आयोजित करवाये जा सकते हैं। इस सम्भाग में अनेक जलाष्य और झीलें आदि हैं। इसके चलते प्रत्येक वर्ष यहां कई प्रवासी पक्षी भी आते हैं। यहां नेषनल बर्ड पार्क विकसित किया जाए तो यह पर्यटकों के मनोरंजन का अच्छा केन्द्र बन सकता है। सम्भाग के प्रत्येक जिले के ऐतिहासिक स्थलों के टूर बनाए जा सकते हैं। पर्यटकों को इन स्थलों के इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व, बलिदान और धार्मिक महत्व की जानकारी दी जा सकती है। सम्भाग में एग्री टूरिज्म की सम्भावनाओं का पूर्णतया दोहन करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट में निवेष की भी बेहद गंुज़ाइष है। इसके तहत ऐसे शहरी पर्यटक, जो ग्रामीण परिवेष को अनुभव करने आते हैं, के लिये सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं। इसके साथ ही सडकों की कनेक्टिविटी को भी बेहतर करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कनेक्टिविटी अच्छी हो तो दूरस्थ स्थान पर भी पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं।

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