दिल्ली. शहरी विकास मंत्रालय ने आज एक और बड़ी पहल करते हुए 116 बड़े शहरों में जीवन गुणवत्‍ता को मापने के लिए ‘शहरी जीवन क्षमता सूचकांक’ का शुभारंभ किया। इनमें स्‍मार्ट सिटी, राजधानियां और 10 लाख से ज्‍यादा की आबादी वाले शहर सम्मिलित हैं। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज शहरी रूपांतरण पर आधारित राष्‍ट्रीय कार्यशाला में सूचकांक जीवन गुणवत्‍ता का शुभारंभ किया। यह सूचकांक इन शहरों के लिए उनकी स्थिति को जानने और उसे बेहतर करने के लिए आवश्‍यक हस्‍तक्षेप की सामान्‍य न्‍यूनतम संदर्भ रूपरेखा है। वेंकैया नायडू ने पिछले तीन वर्षों के दौरान नवीन शहरी मिशन के अंतर्गत सोच समझकर शुरू किये गए आधारभूत अवसंरचना विकास के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए शहरों की ओर इंगित करते हुए कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि शहरों की जीवन गुणवत्‍ता का आकलन करके उसके अनुरूप उनको सूचीबद्ध किया जाए।’’

देश में इस तरह के पहले सूचकांक को लागू करके शहरों के आधारभूत ढांचे को 79 व्‍यापक मानदंडों पर मूल्‍यांकित किया जाएगा। इन मानदंडों में सड़कों की उपलब्‍धता, शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य देखरेख, गति‍शीलता, रोजगार के अवसर, आपातकालीन अनुक्रिया, शिकायत निवारण, प्रदूषण, खुले और हरे-भरे वातावरण की उपलब्‍धता, सांस्‍कृतिक और मनोरंजन के अवसरों इत्‍यादि शामिल हैं। अगले महीने इस कार्य को करने वाली एजेंसी का चुनाव करने के बाद लगभग अगले 6 महीने में आंकडे संकलित करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।

शहरी विकास मंत्रालय ने आज वर्ष 2016-17 के दौरान शहरी सुधारों के कार्यांवयन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 16 राज्‍यों को 500 करोड़ रूपये की प्रोत्‍साहन राशि वितरित की। इसका निर्धारण ई-गवर्नेंस, लेखा परीक्षण, कर राजस्‍व संचयन और कर संशोधन नीति, ऊर्जा और जल लेखा परीक्षा, संसाधन गतिशीलता के लिए राज्‍य स्‍तरीय वित्‍तीय मध्‍यस्‍थ स्‍थापित करना, ऋण मूल्‍यांकन जैसे सुधारों की प्रगति के आधार पर किया गया।

आध्रप्रदेश इस सूची में 96.06 प्रतिशत अंको लेकर शीर्ष पर रहा। योग्‍यता सूची के क्रम के आधार पर जिन अन्‍य राज्‍यों को प्रोत्‍साहन राशि प्राप्‍त हुई उनमें ओडिशा (95.38 प्रतिशत), झारखंड (91.98 प्रतिशत), छत्‍तीसगढ़ (91.37 प्रतिशत), मध्‍य प्रदेश (90.20 प्रतिशत), तेलंगाना (86.92 प्रतिशत), राजस्‍थान (84.62 प्रतिशत), पंजाब (77.02 प्रतिशत), केरल (75.73 प्रतिशत), गोवा (75.38), मिजोरम (75.00 प्रतिशत), गुजरात (73.80 प्रतिशत), चंडीगढ़ (72.73 प्रतिशत), उत्‍तर प्रदेश (70.67 प्रतिशत) और महाराष्‍ट्र (70.52 प्रतिशत) शामिल हैं। इन राज्‍यों द्वारा प्राप्‍त किये गए अंकों के आधार पर प्रोत्‍साहन राशि प्रदान की गई। अधिक अंक हासिल करने वाले राज्‍यों को अंकों के अनुरूप अधिक प्रोत्‍साहन राशि दी गई। शहरी विकास मंत्रालय के सचिव राजीव गाबा ने कहा कि भावी पी‍ढ़ी के सुधारों के लिए वर्तमान में आवंटित 900 करोड़ रूपये की सुधार प्रोत्‍साहन राशि को अगले 3 वित्‍तीय वर्षों में बढ़ाकर 1000 करोड़ रूपये किया जाएगा। इससे शहरी निकायों के प्रशासन और सेवाओं के वितरण और संसाधनों की गतिशीलता संतोषजनक अंतर आएगा।

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