जयपुर. राजस्थान की धरा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अपने महान इतिहास के कारण जानी जाती है। अतिथि को देवता मानने की परम्परा और उनसे पधारों म्हारे देश की मनुहार देशी विदेशी पर्यटकों को इस धरा तक खींच लाती है। हमारे बेजोड़ महल, किले और दुर्ग, खूबसूरत बाग बगीचे, वन और झीलें, नक्काशीदार मंदिर और भवन, दरगाह, मेले, महोत्सव, होटल, रिसोर्ट और यहां तक कि रेत के धोरे भी अपना अलग ही आकर्षण रखते हैं। दुनिया भर से पर्यटक इन्हें देखने यहां आते हैं।

प्रदेश में पर्यटन अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और राज्य सरकार ने अपनी योजनाओं और प्रयासों से लगातार इस रीढ़ को और भी मजबूत करने का काम किया है। कोरोना के इस कठिन समय में भी जब पर्यटन के क्षेत्र को सर्वाधिक आघात पहुंचा है, राज्य सरकार द्वारा अनवरत ऎसे निर्णय लिए गए हैं, जिनसे संकट का सामना कर रहे पर्यटन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटक स्थलों का सघन प्रचार-प्रसार, हेरिटेज स्थलों और इमारतों का संरक्षण, पर्यटन स्थलों का विकास, लोक कलाकारों और हस्त शिल्पियों को प्रशिक्षण, लाइट एण्ड साउण्ड शो का आयोजन, आइकॉनिक डेस्टिनेशन विकसित करना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन जैसे विविध कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने तथा नवीन एवं अनुभवजन्य पर्यटन उत्पादों के माध्यम से राज्य को पसंदीदा व अग्रणी पर्यटक गंतव्य स्थल बनाए जाने के उद्देश्य से ‘राजस्थान पर्यटन नीति, 2020‘ को राज्य में लागू किया गया है।

नई पर्यटन नीति से मिलेगी पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां

राजस्थान में तकरीबन 20 साल बाद लाई गई नई पर्यटन नीति द्वारा राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग में नई जान फूंकने का काम किया है। इस नीति में जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता वाली वर्तमान जिला पर्यटन विकास समिति को अधिक कार्यकारी शक्तियां प्रदान की गई हैं। यह समिति जिले के पर्यटन विकास सम्बन्धी सभी कायोर्ं के लिए जिम्मेदार होगी। पयर्टन विभाग राज्य में कौशल केन्द्रों के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय के सहयोग से एक मास्टर ट्रेनर्स अकादमी स्थापित करेगा। साथ ही इसमें पर्यटक सहायता बल को मजबूत करने, पर्यटन सेक्टर में स्टार्टअप के लिए स्वप्रमाणन को प्रोत्साहित करने, राज्य के पर्यटन को अन्तरराष्ट्रीय मानचित्र पर उभारने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा अन्तरराष्ट्रीय ब्रान्डिंग की अपनी मौजूदा नीति को पुनः विकसित करने, घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई विपणन नीति आरम्भ करने के प्रावधान किए गए हैं।

लाइट साउन्ड शो बढ़ाएंगे पर्यटन स्थलों का आकर्षण

रात्रि पर्यटन बढ़ाने, पर्यटन स्थलों त रामकृष्ण मिशन में स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर आधारित साउण्ड एण्ड लाइट शो विकसित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके लिए 90 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार जयनिवास उधान, जयपुर, मचकुण्ड, धौलपुर, सांवलियां जी सेठ, चित्तौड़गढ़, कुभ्भलगढ़ फोर्ट, चित्तौड़गढ़ फोर्ट, मीराबाई स्मारक, मेड़ता, प्रताप गौरव केन्द्र, उदयपुर व गडसीसर तालाब, जैसलमेर पर भी साउण्ड एण्ड लाइट शो प्रारम्भ किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इन सबके अतिरिक्त लोहागढ़, भरतपुर में भी 2.50 करोड़ रुपये की लागत से साउण्ड एण्ड लाइट शो विकसित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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