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जयपुर. वर्तमान राज्य सरकार द्वारा पिछले दो वर्षो में प्रदेश की आधी आबादी महिलाओं के उन्नयन एवं खुशहाली के लिए महिला सशक्तिकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं के आचार- विचार ,आहार ,व्यवहार में बदलाव लाकर उन्हें खुशहाल, स्वस्थ व आत्म निर्भर बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है।

प्रदेश मेें महिला अधिकारिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए साथिन, मुख्यमंत्री 7 सूत्री कार्यक्रम, महिला स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम, अमृता हाट बाजार, इंदिरा महिला शक्ति निधि (आई एम शक्ति) , उद्यम प्रोत्साहन योजना, इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संर्वधन योजना, कौशल सामर्थ्य योजना, शिक्षा सेतु योजना, स्वयं सहायता समूह को राशन की दुकान आवंटन, मिशन ग्रामीण शक्ति योजना, महिला स्वयं सहायता समूह को ऋण पर ब्याज में 50 प्रतिशत अनुदान योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, राजस्थान सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, गरिमा बालिका संरक्षण एवं सम्मान योजना का संचालन किया जा रहा है।
इसी के साथ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कुछ नवाचार कार्यक्रम क्रियान्वित किए गए हैं। इसके तहत समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग द्वारा हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मुख्य रूप से नवाचार किए गए हैं जैसे खिलौना बैंक की स्थापना एजुकेशन मेटेरियल बैंक, बच्चों के लिए यूनिफार्म, प्रवेशोत्सव कार्यक्रम आदि। इसी के साथ किशोरी बालिका योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, माता यशोदा पुरस्कार योजना, नंद घर योजना, इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का संचालन किया जा रहा है।

बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना के अंतर्गत नवाचार कर राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में बेटियों के जन्म पर पौधारोपण कार्यक्रम के माध्यम से कन्या वाटिका विकसित कर नवाचार किया जा रहा है। जयपुर के टेक्नोलॉजी पार्क में कन्या वाटिका विकसित की गई है। टेक्नोलॉजी पार्क में फलदार पौधे लगाकर कन्या वाटिका का शुभारंभ किया गया है। बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजना अंतर्गत बालिकाओं के जन्म को सर्मपित इस वाटिका में आरोपित फलदार पौधों से प्राप्त फलों से महिलाओं व किशोरियों की पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। जिससे उसका लाभ उनके परिवार के साथ पूरे समाज को मिलेगा।
टेक्नोलॉजी पार्क में ही महिला एवं बाल विकास और राजस्थान आवासन मंडल के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं की समस्याओं के समाधान एवं काउंसलिंग के लिए 3 करोड़ रुपये की लागत से इंदिरा महिला शक्ति केंद्र बनाया जाएगा। जिसमें बच्चों के लिए डे-केयर ,क्रेच और महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए काउंसलिंग एवं समाधान केंद्र भी बनाया जाएगा। इस केंद्र पर सेल्फ डिफेंस एवं उद्यमिता कौशल प्रशिक्षण हेतु नियमित सुविधा केंद्र बनाने के साथ यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं साथियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिलाओं एवं बच्चों के लिए उनकी कला एवं अभिरुचि के विकास के लिए नियमित रूप से हॉबी क्लासेस के संचालन हेतु कला केंद्र बनाया जाएगा। साथ ही महिलाओं एवं बच्चों के लिए माइनर स्र्पोट्स जोन, महिला संघ सहायता समूह के हस्तशिल्प, परिधान एवं खाने-पीने के उत्पादों के प्रशिक्षण के लिए हेरिटेज हाट व फूड जोन भी बनाए जाएंगे। साथ ही महिलाओं के लिए पृथक से गेस्ट हाउस का भी र्निमाण किया जाएगा तथा कन्या वाटिका वाॅक एंड लर्न पाथ वे भी बनाया जाएगा ।
इसी प्रकार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं एवं बच्चों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगभग 62 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिकाएं विकसित की गई । महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने विगत 28 जुलाई 2020 को निदेशालय समेकित बाल विकास सेवाएं परिसर में फल एवं औषधीय पौधों का आरोपण कर पोषण वाटिका अभियान का शुभारंभ किया।
प्रदेशभर में 30 जुलाई से 15 अगस्त 2020 तक के पखवाड़े में विभाग द्वारा समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में से विकास के लिए चयनित सभी केंद्रों पर पौधारोपण कार्यक्रम के तहत न्यूट्री गार्डन विकसित किये गये है।
इन पोषण वाटिकाओं में मुख्य रूप से पपीता, आंवला, चीकू, अमरुद, जामुन, नींबू, किन्नू, करौंदे, मेहंदी, सेंजना (सहजन), एलोवेरा, पालक, मूली, गाजर इत्यादि पौधों का रोपण किया गया है। जिसका उद्देश्य पोषण के लिए आंगनवाड़ी केंद्र में वाटिका बनाने के साथ-साथ जन सामान्य को पोषण के प्रति जागरूक करना है और इससे कुपोषण की समस्या को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा।

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