जयपुर। राजस्थान में स्थानांतरण कानून बनाने के लिए महिला शिक्षकों ने अनूठी पहल शुरु की है। 7 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखते हुए महिला शिक्षकों ने प्रदेश के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को भाई मानते हुए ना केवल राखी भेज रही हैं, बल्कि भाई वासुदेव देवनानी से महिला शिक्षकों की सहायतार्थ तबादला कानून की मांग कर रही है। महिला शिक्षक विकास मंच राजस्थान से जुड़े पदाधिकारियों व महिला शिक्षकों ने रक्षाबंधन के अवसर पर शिक्षाामंत्री वासुदेव देवनानी को राखी भेजी है तथा बतौर राखी बंधाई स्थानांतरण कानून तथा उस कानून के तहत प्रतिबंधित जिलों से महिला शिक्षकों के स्थानांतरण की मांग की है। मंच कोषाध्यक्ष सुभिता चैधरी के अनुसार स्थानांतरण कानून के अभाव में दस-दस सालों से हजारों महिला शिक्षक अपने गृह जिलों से सैकड़ों किलोमीटर दूर एकांकी जीवन जी रही हैं तथा अवसाद में हैं। मंच महासचिव सुमन नेहरा के अनुसार स्थानांतरण कानून एक महत्वपूर्ण मसला है जिसके अभाव में प्रदेश के शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है तथा शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।

मंच संयोजक प्रीति यादव के अनुसार सरकार चाहे तो बेहद आसानी से डॉर्क जोन के नाम पर घरों से दूर पडे शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों को राहत प्रदान कर सकती है, बशर्तें सरकार स्थानान्तरण की समस्या को समस्या माने और शिक्षकों को सामाजिक प्राणी। मंच संयोजक प्रीति यादव ने बताया कि स्थानांतरण कानून के मुद्दे पर सरकार का ध्यान खींचने हेतु इस रक्षाबंधन पर मंच की सदस्य सभी महिला शिक्षकों द्वारा शिक्षा मंत्री को उनके राजकीय निवास पर राखी तथा मंच द्वारा निधाज़्रित पत्र भेजा जा रहा है जिसमें स्थानांतरण कानून की मांग की गई है। प्रीति यादव के अनुसार महिला शिक्षकों को उम्मीद है कि उन्हें राखी बंधाई के रूप में स्पष्ट व पारदर्शी स्थानांतरण कानून अवश्य प्राप्त होगा तथा वर्षों बाद ही सही परन्तु उनकी भी घर वापसी हो सकेगी।

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